
बच्चे के द्वारा संफिक्स के नशा लेने का वीडियो हुआ वायरल!
अररिया, रंजीत ठाकुर सीमावर्ती क्षेत्रों में इन दिनों कम उम्र के बच्चों में एक अलग तरह के नशे की लत बढ़ती जा रही है़। यह नशा शराब,गांजा व हेरोइन,चरस एवं स्मैक से भी अधिक खतरनाक है़। नशा करने वाले का वीडियो वायरल हो रहा है। यह वायरल वीडियो बथनाहा थाना क्षेत्र के जिमराही गाँव के एक बच्चे का है, जो पास के गाँव फुलकाहा में सनफिक्स को एक प्लास्टिक के थैले के माध्यम से सूंध रहा हैं। इसी क्रम में किसी ने उक्त बच्चे का वीडियो बनाकर शोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वायरल वीडियो की पुष्टि “दैनिक शुभ भास्कर” नही करता है। वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि एक 10 से 11 साल का बच्चा सांफिक्स को एक प्लास्टिक के थैले की मदद से सूंघ रहा है और वीडियो बनाने वाला शख्स उस बच्चे को इससे बचने की हिदायत दे रहा है।
बताते चलें कि 25 सितम्बर 2023 को इसी पंचायत के पथरदेवा मध्य विद्यालय में 15 वर्षीय मंटू कुमार की निर्गम हत्या हुई थी जिसमें हत्या का आरोप दो बच्चों पर लगा था। वे बच्चें भी संफिक्स का नशा करके घटना को अंजाम दिया था।
सीमावर्ती क्षेत्र में युवा वर्ग इसकी चपेट में जब से बिहार में शराब बंदी लागू हुआ, तब से प्रदेश में शराब छोड़ अन्य मादक पदार्थों की तस्करी तेजी से बढ़ी है। नशा करने वाले नए विकल्प तलाशने में जुटे हैं।पहले नशे की टेबलेट, फिर कफ सीरप, इंजेक्शन और अब अन्य सामग्री में संफिक्स जैसी चीजों का प्रयोग नशे के लिए किया जा रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र में युवा वर्ग इसकी चपेट में है।
सनफिक्स इस समय जिले में धड़ल्ले से बिक रहा है।नशे के आदी युवाओं के अलावा मासूम भी तेजी से इसके गिरफ्त में आ चुके हैं। मेडिकल दुकानों में बिना डाक्टर के पर्ची के नशे की दवाइयां व इंजेक्शन नहीं मिलने के बाद नशेड़ी युवा व मासूमों ने सनफिक्स से अपनी तलब मिटानी शुरू कर दी है। सनफिक्स की जद में बड़ी संख्या में छोटी उम्र के बच्चे आ चुके हैं।बावजूद इसके प्रशासन ने अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
कैसे करते हैं नशा?
ट्यूब से तरल को पालीथिन में डाल दिया जाता है, फिर उस पालीथिन में नाक घुसाकर सूंघा जाता है। इससे सूंघने वाले को जबरदस्त नशा चढ़ता है।
इसकी चपेट में 8 वर्ष से 25 वर्ष तक के युवा आ चुके हैं। इसकी लत नाबालिग बच्चों को ज्यादा है। पहले सनफिक्स चंद दुकानों में ही बिकता था।अब तो इसकी भारी डिमांड को देखते हुए बाजार के तमाम मनिहारा , किराना ,इलेक्ट्रॉनिक्स और जनरल स्टोर की दुकानों में सनफिक्स धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। क्षेत्र में अवस्थित विद्यालय, विभिन्न कार्यालय के सुनसान पड़े परिसरों व बाग-बगीचे आदि को नशेड़ीयों ने नशा करने का अड्डा बना लिया है । इन जगहों पर भारी मात्रा में सनफिक्स के रैपर ,स्मेक लेने वाली सामग्री, खाली ट्यूब और ढक्कन बिखरे पड़े मिल जाते हैं।
सनफिक्स के पैकिंग रैपर पर लिखी है चेतावनी,फिर भी अनजान:-
गौरतलब है कि तंबाकू उत्पाद की तरह सनफिक्स के पैकिंग रैपर पर चेतावनी लिखी है।चेतावनी में स्पष्ट लिखा होता है,” यह खतरनाक है। इसे बच्चे से दूर रखें।” इतनी स्पष्ट चेतावनी और दुरूपयोग से बचने की सलाह के बावजूद दुकानदार धड़ल्ले से नासमझ बच्चों के हाथ इसे बेच रहे हैं। जानकार बताते हैं कि लगातार सूंघने के कारण इसमें मौजूद खतरनाक रासायनिक पदार्थ फेफड़े पर बहुत ही बुरा असर डालते है। सूत्रों के अनुसार पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से डुप्लीकेट सनफिक्स का अवैध कारोबार खुली सीमा से जारी है। जिसे सीमावर्ती शहर से राज्यभर में खपाया जा रहा है। यूं तो सनफिक्स बेचने या खरीदने पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है लेकिन यहां सवाल इसके दुरूपयोग को लेकर प्रशासनिक पहल की महती भूमिका की आवश्यकता है।
क्या कहते हैं डॉक्टर ओमप्रकाश मंडल नरपतगंज-
डॉक्टर ओमप्रकाश मंडल ने बताया कि संफिक्स पीने से बच्चों का पाचनतंत्र प्रभावित हो जाता है जिससे शारीरिक विकास रुक जाता है और वह मानसिक रूप से बीमार हो जाता है। धीरे-धीरे यह कैंसर में परिवर्तित हो जाता है।
डॉक्टर रजी उद्दीन ने बताया कि बच्चों के लिए संफिक्स का लत जानलेवा बीमारी है। अभिभावक को चाहिए कि बच्चे को सनफिक्स का लत छुड़वाने के लिए उसे अकेला न छोड़े । अक्सर गलत संगतियों से बच्चों को दूर रखना चाहिए। अन्यथा बड़ी बीमारी उत्पन्न हो सकता है।