अपना आशियाना उजाड़कर बंधे पर जाने को हुए मजबूर बाढ़ पीड़ित
बलिया, संजय कुमार तिवारी बांसडीह तहसील क्षेत्र के भोजपूरवा गांव में घाघरा नदी अपने रौद्र रूप में आ गई हैं घाघरा नदी का बेग काफी तेज हो गई है घाघरा नदी का जल स्तर बढ़ने के बाद कटान पीड़ितों ने अपना आशियाना उजाड़ना शुरू कर दिया है। आशियाना उजाड़ने के लिए अपने नात रिश्तेदारों का भी सहारा लेना पड़ रहा है। खूद छोटे छोटे बच्चे भी अपना आशियाना उजाड़ने में लगे हुए है। अपनी मेहनत के दम पर मकान को लोगों ने खड़ा किया था कि अपना घर रहेगा तो सकून की जिंदगी जिया जा सकें। लेकिन क्या पता था कि ऐसी आपदा आएगी की खुद का ही आशियाना उजाड़ना पद जायेगा। और कही दूर जाकर जीवन बसर करना पड़ेगा।
आप जरा गौर से देखिए आशियाना उजाड़कर गाड़ियों पर अपना अपना सामान रखकर दूसरे गांव के लिए लोग पलायन करते दिखाई दे रहे है।वही बाढ़ पीड़ित सुनीता ने बताया की यहां पानी आ गया है और हमलोग यहां से अब दूसरे जगह जा रहे है पानी आने से कहा सामान रखा जाएगा, खाना बनाने का टेंशन है, रहने के लिए टेंशन है, बच्चो के लिए टेंशन है बहुत दिक्कत हो रही है। ना हमलोगों खाने के लिए कोई व्यवस्था है और नही पीने के लिए कहा रहेंगे, रात दिन ढाही हो रही है चट्टी पर तिरपाल तान कर रहेंगे।वही बाढ़ पीड़ित ने बताया की नदी का कटान जोरो पर है और पूरे परिवार के साथ हमलोग यहां से भाग रहे है जिला प्रशासन से कोई व्यवस्था नहीं मिल रही है।हमलोग यहां से जा रहे है और बंधे पर पलानी लगाकर रहेंगे।तिरपाल डालकर रहेंगे,यहां पर कोई अधिकारी और विधायक तक नही आई है।