डेढ़ साल की उम्र में बच्चे ने निगल लिया था कैरम का गोटी अस्पताल में ऑपरेशन कर निकाला गया
पटना, अजीत औरंगाबाद जिले के बिराटपुर का रहने वाला डेढ़ साल के मासूम बच्चे ने खेल-खेल में ही कैरम की गोटी निकाल लिया था. उसके बाद बच्चे की हालत खराब हो गई.परिवार वालों को पता नहीं चल पाया कि बच्चे गले में क्या हो गया है. बच्चों की उम्र इतनी छोटी थी कि वह बता भी नहीं पाया कि उसके गले में कुछ फस गया है. पीड़ित परिवार एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल और एक जिले से दूसरे जिले यहां तक की दूसरे राज्य में इलाज करवाने चला गया लेकिन बच्चे की समस्या का समाधान नहीं हो पाया. साढ़े चार साल की उम्र तक दर्द और असहनीय कष्ट से कराहते बच्चे के परिजन उसे लेकर डॉक्टर के पास उपचार के लिए भटकते रहे. पटना के फुलवारी शरीफ में इलाज के लिए बच्चों के परिजन उसे लेकर पहुंचे जहां डॉक्टर ने मात्र 4 मिनट में ही बच्चे के गले में फंसा हुआ कैरम की गोटी निकाल कर उसे नया जीवन प्रदान किया.
फुलवारी शरीफ के एम्स रोड में निजी अस्पताल जमा मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर सरफराज और उनकी पत्नी अफसाना तबस्सुम ने बच्चों का इलाज किया और वह अब सकुशल है.ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर दंपति ने बताया कि औरंगाबाद से राजू अपनी पत्नी पूजा के साथ अपने बच्चों को लेकर उनके अस्पताल में पहुंचे. दंपति का बड़ा बच्चा जिसकी उम्र करीब 5 साल होगी, उसके गले में परेशानी थी और वह काफी परेशानी से कुछ खा पी रहा था. डॉक्टर सरफराज ने बताया कि बच्चे की जांच के बाद उन्हें पता चला कि इसके गले में सांस नली के पास कुछ फंसा हुआ है. पुणे ट्रक बच्चों का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया और अपनी पत्नी के साथ मिलकर बच्चा युवराज के ऑपरेशन की तैयारी शुरू की. उन्होंने बताया कि मात्र 4 मिनट में ही बच्चे के गले में फंसा हुआ चीज उनके पकड़ में आ गया और उसे उन्होंने निकाल लिया.उन्होंने बताया कि चारों की गोटी देखो दंग रह गया इतने साल तक बच्चे के गले में फंसा रहा और कई अस्पतालों में किसी के पकड़ में नहीं आया.
युवराज के पिता राजू ने बताया कि वह मेहनत मजदूरी करके परिवार चलाने वाले गरीब आदमी है उन्होंने बताया कि डेढ़ साल की उम्र में उनका बेटा युवराज के गले में कुछ अटक गया था. औरंगाबाद रोहतास डेहरी ऑन सोन से लेकर बनारस तक कई अस्पतालों में इलाज के लिए गए लेकिन उनके बेटे का इलाज नहीं हो पाया. इसके बाद में जानकारी मिली की फुलवारी शरीफ में डॉक्टर सरफराज का अस्पताल है तो वह बच्चे को लेकर यहां पहुंचे. उन्होंने बताया कि अब बच्चा उनका पूरी तरह स्वस्थ है और आसानी से खा पी रहा है. बच्चों के परिवार ने डॉक्टर सरफराज और उनकी पत्नी का आभार जताया.