डीएम की अध्यक्षता में जिला गंगा समिति की बैठक का आयोजन

पटना, (खौफ 24) जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला गंगा समिति, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि गंगा नदी एवं उसकी सहायक नदियों के उत्थान, संरक्षण एवं अविरलता हेतु सभी हितधारक (स्टेकहोल्डर्स) सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। स्वच्छता ही सेवा अंतर्गत नदियों व घाटों के स्वच्छता के लिए अभियान चलाते हुए लोगों को इस कार्यक्रम से जोड़े । वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में इस विषय पर आयोजित मासिक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सतत जन-जागरूकता कार्यक्रम के साथ-साथ गंगा एवं उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता हेतु चलाए जा रहे सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जाए। नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत अर्थ गंगा कार्यक्रम को धरातल पर लाने की आवश्यकता है जिससे गंगा की अविरलता एवं स्वच्छता के साथ-साथ आमजन के जीविकोपार्जन में वृद्धि हो सके।

आज के बैठक में उप विकास आयुक्त श्री समीर सौरभ (भा प्र से) के निदेशन में श्री दीपेंद्र मणि जिला परियोजना पदाधिकारी जिला गंगा समिति (नमामि गंगे), पटना ने सभी महत्वपूर्ण एजेंडा को सभा पटल पर रखा । प्रथम तीन एजेंडा माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित आदेश के अनुपालन के लिए सभी सम्बंधित विभाग को आवश्यक निदेश देते हुए ससमय करवाई करते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश दिया । साथ पर्यटन, मत्स्य, जीविका, कृषि, वन सहित सभी विभागों के पदाधिकारियों को अपने-अपने योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन करना होगा।

इस बैठक में एजेंडावार प्रतिवेदन के आलोक में जिलाधिकारी द्वारा वन, बुडको, कृषि, पर्यटन, नगर निकाय, ग्रामीण विकास, नेहरू युवा केन्द्र, राष्ट्रीय सेवा योजना, शिक्षा, स्वास्थ्य, जीविका सहित विभिन्न विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों के साथ कृत कार्रवाई की समीक्षा की गई। जिला जन संपर्क पदाधिकारी को माननीय एन जी टी के निदेशानुसार गंगा के किनारे से 100 मी की दूरी पर पूजन सामग्री की गंगा में निषेध व इसकी अवहेलना के परिपेक्ष्य में जुर्माना की सूचना के साथ सूचना पट सभी घाटों पर लगाने के लिए निदेशित किया गया , साथ ही सभी नगर निकायों और सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों द्वारा ऐसे गंगा व सभी सहायक नदियों के निगरानी के लिए स्टाफ डिप्लॉय कर सुपरविजन कराने के लिए निदेशित किया गया । कृषि विभाग को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन , नई दिल्ली के निदेशन के आलोक में आयोजित कार्यशाला का प्रतिवेदन जिला गंगा समिति को उपलब्ध कराने व बायो फार्मिंग , प्राकृतिक खेती और जैविक कोरिडोर कार्यक्रम की प्रगति उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया ।

बुडको के द्वारा पटना में निर्मित, निर्माणाधीन, प्रस्तावित STPs के वित विवरणी सहित प्रगति प्रतिवेदन के लिए निदेशित किया गया । उद्योग विभाग द्वारा इंडस्ट्रियल डिस्चार्ज की पूर्ण विवरणी सहित रोकथाम हेतु उठाये जा रहे कदम के परिपेक्ष्य में प्रगति प्रतिवेदन उपस्थापित करने का निदेश दिया ।

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साथ जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा के किनारे प्रतिदिन गंगा आरती के लिए पर्यटन विभाग द्वारा लिए जा रहे करवाई को भी संज्ञान में लेते हुए इको टूरिज्म को प्रोत्साहित करना, पर्यावरण एवं जैव विविधता संरक्षण, सतत विकास एवं आम जनता के जीविकोपार्जन के अवसरों में वृद्धि के लिए समिति से संबद्ध सभी विभागों के पदाधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर सतत प्रयत्नशील रहने का निदेश दिया

जिलाधिकारी डॉ. सिंह द्वारा जिला गंगा समिति अंतर्गत सभी पाँच स्तम्भों यथा निर्मल गंगा, अविरल गंगा, जन गंगा, ज्ञान गंगा एवं अर्थ गंगा के तहत दायित्वों का अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया गया। बुडको को सभी निर्माणाधीन, पूर्ण व अपूर्ण सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की विवरणी उपलब्ध कराते हुए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान एवं नगर निकायों अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा गंगा नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार के आंकड़ों का प्रेषण, वन विभाग द्वारा आर्द्र भूमि संरक्षण, वनीकरण एवं जैव विविधता संरक्षण में किए जा रहे सभी कार्यों का उत्कृष्ट क्रियान्वयन करने का निदेश दिया गया। जन गंगा कार्यक्रम अंतर्गत जन-जागरूकता, प्रभात फेरी, रैली, गंगा मैराथन, गंगा क्वीज, दीवार लेखन, नारा प्रतियोगिता, कैच द रेन (वर्षा जल संग्रहण), गंगा आरती का नियमित आयोजन कराने का निदेश दिया गया।

कृषि विभाग के पदाधिकारी द्वारा जीरो बजट प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, ऑर्गेनिक वेस्ट फार्मिंग एवं परम्परागत खेती से संबंधित विवरणी प्रस्तुत किया गया। नमामि गंगे योजना तहत पटना जिले के सात प्रखण्डों में जैविक खेती योजना शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मानव उपभोग के लिए स्थायी रूप से रसायन से मुक्त पौष्टिक भोजन का उत्पादन करना एवं पर्यावरण के अनुकूल कम लागत वाली पारम्परिक तकनीकों और किसान अनुकूल तकनीकों को अपनाकर खतरनाक अकार्बनिक रसायनों से गंगा के तटों सहित पर्यावरण की रक्षा करना है।

जिलाधिकारी द्वारा जिला परियोजना पदाधिकारी, जिला गंगा समिति, पटना को सभी सम्बद्ध विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रतिमाह विस्तृत प्रगति प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया गया। उप विकास आयुक्त, पटना को नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।

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