
पोखर की बदहाली को लेकर आक्रोशित थे मोहल्ले वासी
जमुई, अंजुम आलम। बड़ी आरजू मिन्नत के बाद नीमारंग वार्ड संख्या 27 के मोहल्ले वासी के बुलाने पर नगर परिषद मुख्य पार्षद मोहम्मद हलीम उर्फ लोलो पहुंचे। पहले तो मोहल्ले वासियों ने उन्हें स्वागत करu बिठाया,फिर नाश्ता और चाय भी पिलाया उसके बाद मोहल्ले वासियों ने विकास कार्यों की उनकी झूठी बयान बाजी को लेकर मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाने लगे। मुख्य पार्षद भी बैठकर दृश्य को देखते रहे और उनके सामने ही उनकी ही बखिया मोहल्ले वासियों ने उधेड़ दी और इतना ही नहीं नगर परिषद पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार के खिलाफ भी लोगों ने जमकर हंगामा किया और आक्रोश जताया।
मुख्य पार्षद को घेर कर मोहल्ले वासियों ने चुनाव से पूर्व किए गए वादा को याद दिलाते हुए जमकर भड़ास निकालने लगे। जबकि चुनाव के वक़्त इसी मुहल्ले वासियों ने एक तिहाई बहुमत देकर उन्हें सम्मान दिया था और आज हालात ऐसी पैदा हो गई कि इन्हीं लोगों ने उन्हें अपमानित कर वापस लौटाया। मोहल्ले वासियों के विरोध जताने और मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल होने लगा है, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि मुर्दाबाद के नारे लगाने और लोगों के आक्रोश जताने के बाद मुख पार्षद के द्वारा आनंद-खनन में दो दिनों में पोखर की सफाई का काम करवाने का आश्वासन दिया गया लेकिन उन्हें रुसवा होकर ही लौटना पड़ा।
वादा भूल गए मुख्य पार्षद, दलदल बन चुका है पोखर
मोहल्लेवासियों में मो. मुस्तफा, मो.जावेद, मो.नूरुद्दीन, मो.शमीम ने बताया कि पोखर वर्षों से वीरान पड़ा हुआ है। नगर परिषद चुनाव से पहले मुख्य पार्षद मो.हलीम के द्वारा शपथ ग्रहण से पहले पोखर की सफाई व घेराबंदी कराने का वादा किया गया था लेकिन छह माह बीतने वाले हैं अब तक इस ओर कोई पहल नहीं की गई। इस बीच एक बार मुख्य पार्षद आए और पैसा देने की बात कहकर सफाई शुरू कराने की बात कहते हुए चले गए। नतीजतन यह पोखर मोहल्ले वासियों के लिए सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। 15 से 20 फिट गहरा पोखर दल-दल बन चुका है। आए दिन लगातार बच्चे इसमें गिरते रहते हैं। यह पोखर सिर्फ राजनीति मुद्दा बनकर रह गया है।
न पानी का निकास और न पोखर का हो रहा जीर्णोद्धार
नगर परिषद क्षेत्र के नीमारंग मोहल्ला वार्ड संख्या 27 में अवस्थित पोखर इन दिनों मोहल्ले वासियों के लिए नर्क बनी हुई है। यहां न पानी का निकास है और ना ही पोखर की सफाई हो रही है। पूरे मोहल्ले के नाले का पानी इसी पोखर में प्रवेश कर रहा है। वर्षों से वीरान अवस्था में पड़ा पोखर दल-दल व मौत का कुंआ बन चुका है। इसपर सिर्फ जनप्रतिनिधि राजनीति रोटी सेक रहे हैं। इस पोखर की साफ-सफाई व जीर्णोद्धार का वादा कर जाने वाले फिर वापस लौट कर नहीं आते हैं। ऐसा मोहल्ले वासियों का कहना है। गंदगियों के चारों ओर बसे लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। पोखर से उठती बदबू के बीच रहने को लोग विवश हैं।
डूबने से अबतक दो लोगों की हो चुकी है मौत
मोहल्ले वासियों ने बताया कि यह पोखर 15 से 20 फिट गहरा के साथ-साथ दल-दल बना हुआ है।पोखर में तकरीबन एक दर्जन बूढ़े-बच्चे गिर चुके हैं। जिसमें दो लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद अब तक यहां के जनप्रतिनिधि व मुख्य पार्षद से लेकर नप अधिकारी की नींद नहीं खुली है। जिस वजह से इस पोखर का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है।
पोखर की जैसे-तैसे किये जा रहे सफाई कार्य को रोका
मुर्दाबाद के नारे लगने के बाद मुख्य पार्षद की नींद खुली और सोमवार की सुबह वह कुछ मजदूर को लेकर निमारंग पहुंच गए और आनन-फानन में पोखर की सफाई करवानी शुरू कर दी। लेकिन इस कार्य को मोहल्लेवासियों ने खानापूर्ती बताते हुए रोक दिया और नगर परिषद पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार से नियमानुसार टेंडर निकाल कर सही तरीके से काम करवाने की मांग करने लगे। इसको लेकर कई मोहल्लेवासी नगर परिषद कार्यालय पहुंचकर भी शिकायत की।
वार्ड पार्षद ने भी मुख्य पार्षद के खिलाफ जताई नाराजगी
वार्ड संख्या 27 के वार्ड पार्षद मो.अफरोज ने बताया कि मुख्य पार्षद के साथ मुर्दाबाद नारे लगाए गए इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। वे कब यहां आए और गए इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं है। मुख्य पार्षद अपनी मर्जी के मुताबिक काम करते हैं। वे वार्ड पार्षद हैं इसके बावजूद उनको किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी जाती है। पोखर की जीर्णोद्धार के लिए वे विभाग को चिट्ठी भी दे चुके हैं। वे भी टेंडर के मुताबिक काम करवाना चाहते हैं लेकिन मुख्य पार्षद बिना उनके जानकारी के वार्ड में आकर जैसे-तैसे पोखर की सफाई करवाना शुरू कर देते हैं। सभी काम को वो खुद करना चाहते हैं।
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