सरकारी अनाज मंडी मिलवां में किसानों के साथ हो रही डबल लूट!

इंदौरा, गगन। मंड क्षेत्र का किसान एक तो पहले ही बाढ़ में बह चुकी फसलों के कारण परेशान है और दूसरी तरफ अब बची हुई धान की फसल को बेचते समय अनाज मंडी में ठेकेदार की लेबर द्वारा धान की साफ सफाई करते समय धान से निकले फुसे की आड़ में फुसे में धान ही फेंक देना व बोरी की भराई करते समय तय बजन से अधिक भराई कर देने से परेशान हो रहा है और किसान मंडी में फसल बेचते समय दोनों हाथों से लूटा जा रहा है।मिलवां आनाज मंडी में जब किसानों से इस तरह की हो रही लूट के संबंध में किसानों ने यह सब मामला मीडिया को बताया ओर इस मामले की सत्यता जानने के लिए मीडिया की टीम सरकारी आनाज मंडी मिलवां में पहुँची तो देखा कि मंडी के ठेकेदार की लेबर मोटर बाला पंखा लगाकर धान की साफ सफाई कर रही थी

झाड़ू से अच्छे किस्म के धान को भी धान के फुसे में झाड़ू से मिलाती दिखी।मंडी में मौजूद एक व्यक्ति जिसने अपना नाम बलवीर सिंह बताया वह कब्रेज करने गए पत्रकारों के साथ उलझ गया वह अनाप छनाप बातें कर किसानों से हो रही लूट के मुद्दे को भटकाने की बातें करने लगा वह पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने पर उतारू हो गया। जब उक्त व्यक्ति से पूछा कि आप कौन हो तो उसने कहा कि वह लेबर का इंचार्ज है ओर जब उससे मामले का स्पष्टीकरण जानना चाहा तो वो फिर अपने आप को किसान बताने लगा और अधिक भराई की गई धान की बोरियों का तोल न करवाने की बात पर बहस करने लग पड़ा।

ज्ञात रहे कि उक्त व्यक्ति ने ही कुछ दिन पहले एक शिकायत पत्र बायरल कर सरकारी आनाज मंडी रियाली में तैनात कर्मचारियों पर भी किसानों से अधिक पैसा लेने का आरोप लगाया था जोकि किसानों ने खण्डन करते कहा था मंडी में तैनात कर्मचारियों द्वारा एक रुपया भी उनसे नही लिया गया है जबकि हम अपनी धान सफाई के अपनी मर्जी से लेबर को अधिक पैसे देते है।मंड के किसानों ने बताया कि मंडी में उक्त व्यक्ति के लगातार बैठे रहने के कारण हम अपना धान मिलवां मंडी में बेचना अच्छा नही समझ रहे और पंजाब में बेचना बेहतर समझ रहे है।

क्योंकि यह व्यक्ति अपने आप को लेबर का ठेकेदार कहते हुए धान की साफ सफाई में कई किलो धान का चूना लगा रहा है। इसका मतलब साफ नजर आ रहा है कि उक्त व्यक्ति की ठेकेदार के साथ कोई सांठ गांठ है जो मामले को अलूल जलूल बोल कर भटकाने की कोशिश की जा रही है। साफ सफाई करके निकाले फुसे के लगे हुए ढेरो की विभाग जांच करवाएं तो उसमें 40 प्रतिशत से अधिक साफ सुथरा धान निकल सकता है

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इस मौके पर मंडी में तैनात खरीद अधिकारी सुरेश कुमार से धान की हो रही अधिक भराई व साफ सफाई में किसानों को लगाए जा रहे डबल घाटे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि उनके द्वारा धान बोरियो में धान की अधिक की जा रही है जो विभाग के आदेश हैं उसके हिसाब से 38 किलो 200 ग्राम प्रति बोरी है लेकिन उनके द्वारा 38 किलो 700 ग्राम भराई की गई है जो कि निर्देशो से अधिक है। वहीँ जब मंडी इंचार्ज के सामने धान की बोरियों का मापतोल करवाया गया तो वह 37 किलो 800 ग्राम निकला जो कि कम था। इंचार्ज ने बताया कि दो दिनों से प्रांगण में बोरियो के पड़े रहने से धान सूखकर बजन कम पड़ रहा है जिसके कारण हम पहले ही अधिक मापतोल कर लेते है। संका यह जताई जा रही है कि एक तो पहले ही अधिक भराई करके किसान को ठगा जा रहा है तो दूसरी ओर बोरी का भार कम हो जाने पर हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा अब उक्त कट्टे से 300 से 400 ग्राम भार कम होने पर उसकी भरपाई कौंन करेगा।

वहीँ इस मामले में जब डीएफसी धर्मशाला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब धान में मॉइश्चराइजर सही है तो बोरी में धान की फालतू भराई करना बिल्कुल गलत है हां अगर मॉइश्चराइजर अधिक है तो किसान को कुछ काट लगा सकते हैं।ओर जो मंडी में व्यक्ति अपने आप को लेबर का इंचार्ज बता रहा है मैं अभी निरिक्षक को भेजकर जांच पड़ताल करबा रहा हूं।

वहीँ निरीक्षक अजय कौंडल से बात हुई तो उनसे पूछा गया कि तो उन्होंने कहा कि बलबीर सिंह नाम का कोई भी व्यक्ति उनका कर्मचारी नही है और न ही इस नाम का हमारा कोई लेबर का ठेकेदार है अगर मंडी में बैठकर आने जाने वालों से वह दुर्व्यवहार कर रहा है तो अति निंदनीय है।मंडी में तैनात कर्मचारियों से पूछा जाएगा कि यह व्यक्ति इतने दिनों से मंडी में किसानों व आम जन को क्यो परेशान कर रहा है और धान के अधिक मापतोल पर भी पूछताछ की जाएगी।

वहीँ मंडी में तैनात सिविल सप्लाई विभाग के कर्मचारी रवि मेहरा से बात की गई तो उसने कहा कि उक्त व्यक्ति मंडी में रोज आता है किसान बता रहे इस व्यक्ति का सिर्फ 15 अक्तूबर को ही सिर्फ 51 कबाँटल धान मंडी में आया था जिसकी पेमेंट भी कर दी गई है।

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