पानी से जलने वाली चाइनीज दीया ने कुम्हारों के उम्मीद पर पानी फेर दिया

PATNACITY(खौफ़ 24): तेल और घी को छोड़ कर पानी से जलने वाली चाइनीज दीया ने कुम्हारों के उम्मीद पर पानी फेर दिया है। दीपावली त्यौहार में दूसरे के घरो को दीपो से उजाला करने वाले कुम्हार के घर में ही अँधेरा छा गया है ! इस बार दीपावली में कुम्हारों को अच्छी कमाई होने उम्मीद थी और दीपावली में काफी मात्रा में दीया और मिट्टी के खिलौने बनाए थे लेकिन पानी से जलने वाली दीया और चीनी मिट्टी से बने आकर्षक खिलौनों ने कुम्हारों के बनाए गए दीया और खिलौने के बिक्री पर ग्रहण लगा दिया है।जिससे पटना सिटी के कुम्हारों में मायूसी छाई हुई है। दीपावली त्योहार को लेकर तीन माह पूर्व से ही कुम्हार का पूरा परिवार मिल कर मिट्टी के दीए और खिलौना बनाये थे की इस बार उनकी कमाई अच्छी होगी लेकिन कुम्हारों को इस बार भी निराशा हाथ लगा। सरसो तेल और घी के दाम बढ़ने से लोगो का बजट बिगड़ गया है जिसके कारण लोग मिट्टी के दीए लेने से परहेज कर रहे है और पानी से जलने वाली चायनीज दीया की खरीदारी कर रहे है। साथ ही मिट्टी के खिलौने की जगह चीनी मिट्टी से बने चमकदार खिलौने की खरीदारी कर रहे है। जिसके कारण मिट्टी के दिये और खिलौना कि बिक्री में काफी कमी आई है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से चायनीज समान छोड़ कर स्वदेशी समान का उपयोग करने की अपील की, लेकिन स्वदेशी समान महंगा होने के कारण ज्यादातर लोग चाइनीज दीया और खिलौना की खरीदारी कर रहे है। वही कुम्हार के परिवार वालो का कहना है की इस महँगाई ने उनके आर्थिक स्थिति को और कमजोर कर दिया है। दूसरा और कोई रोजगार न मिलने के कारण मजबुरन परम्परागत कारोबार करना पड़ रहा है ! सालो भर त्योहार का इन्तजार के बाद कड़ी धुप में काम कर दीया बनाते है उपर से मिट्टी के दीए और खिलौने की बिक्री बहुत कम है,साथ ही मेहनत के अनुपात में उचित रूपये नहीं मिल पा रहा है ! आज के दौर में लोग पुरानी परम्परा और मान्यताओं को निभाने के लिए को निभाने के लिए सीमित दिये खरीद कर अपना काम चला रहे है।कुम्हारो ने नए सरकार से संरक्षण देने की उमीद लगाए बैठे है ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो ! वही चाइनीज दीया बेचने वाले विक्रेता का कहना है की पानी वाला दिया की बिक्री ज्यादा है।

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