लोक शिकायत मामलों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश
पटना(खौफ 24): आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना श्री कुमार रवि द्वारा आज आयुक्त कार्यालय में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। उन्होंने लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में एक चिकित्सक के विरूद्ध कार्रवाई करने का निदेश दिया।
आयुक्त श्री रवि द्वारा लोक शिकायत के आज कुल 10 मामलों की सुनवाई की गई एवं निवारण हेतु कार्रवाई किया गया।
दरअसल परिवादी श्री रामजी केशव, ग्राम-जमालपुर, प्रखंड-अथमलगोला, जिला-पटना द्वारा प्रथम अपीलीय प्राधिकार-सह-आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना के समक्ष अपील दायर किया गया था। परिवादी का कहना था कि उनके दादा श्री रामविलास सिंह की मृत्यु घर के बगल में पानी के गड्ढे में डूबने से हुई थी। फिर भी अनुग्रह अनुदान के भुगतान में विलंब हुआ है। दिनांक 21 फरवरी, 2021 को श्री सिंह की लाश पानी के गड्ढे से निकाली गई थी। परिवादी की शिकायत थी कि उन्हें जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनुमंडलीय अस्पताल, बाढ़ से मिला उसमें मृत्यु किस कारण से हुई है यह स्पष्ट नहीं किया गया है।
साथ ही चिकित्सक द्वारा विसरा भी सुरक्षित नहीं रखा गया था। प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा पूर्व की सुनवाई में जिला पदाधिकारी, पटना को परिवाद की समीक्षा कर नियमानुसार अग्रतर कार्रवाई करने का निदेश दिया गया था। जिलाधिकारी द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि अंचलाधिकारी, अथमलगोला एवं अनुमंडल पदाधिकारी, बाढ़ द्वारा अनुग्रह अनुदान अभिलेख में यह अभिलेखित किया गया है कि श्री रामविलास सिंह की मृत्यु पानी भरे गड्ढे में डूबने से हो गई थी।
मृतक के आश्रित द्वारा संलग्न किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं बताया गया है। साथ ही शव को सड़ा हुआ (डिकम्पोज्ड) बताया गया एवं विसरा भी सुरक्षित नहीं रखा गया था। अनुमंडल पदाधिकारी, बाढ़ की अनुशंसा के आलोक में विभागीय प्रावधानों के अनुसार जिला पदाधिकारी, पटना द्वारा मृतक के निकटतम आश्रित परिवार को भली-भांति जांचोपरान्त 04 लाख रुपये अनुग्रह अनुदान भुगतान करने की स्वीकृति दी गई।
आयुक्त श्री रवि ने कहा कि मृतक के निकटतम आश्रित परिवार को अनुग्रह अनुदान भुगतान की स्वीकृति दी गई है। यह अच्छी प्रगति है। परन्तु अनुमंडलीय अस्पताल, बाढ़ के चिकित्सक द्वारा विसरा सुरक्षित नहीं रखा जाना आपत्तिजनक है। असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पटना ने भी यह प्रतिवेदित किया है कि पोस्टमार्टम करते समय विसरा सुरक्षित रखना जरूरी था जो उपस्थित चिकित्सक द्वारा नहीं किया गया जिसके लिए संबंधित चिकित्सक दोषी हैं। आयुक्त श्री रवि द्वारा असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पटना को निदेश दिया गया कि दोषी चिकित्सक के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए प्रतिवेदन समर्पित करें।
आयुक्त श्री रवि ने कहा कि जनता की शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।
आयुक्त श्री रवि ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। जनहित के मामलों में शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।