डीएम ने कहा : जनता की शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक
पटना, (खौफ 24) जिलाधिकारी, पटना श्री शीर्षत कपिल अशोक ने कहा है कि पदाधिकारीगण लोक शिकायत मामलों के निवारण में सक्रिय एवं तत्पर रहें। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। भूमि विवादों का उच्च प्राथमिकता के आधार पर प्रभावी निष्पादन एवं अनुश्रवण करें। वे आज लोक शिकायत निवारण, राजस्व एवं संबंधित विषय पर ज़ूम के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में पदाधिकारियों को निदेशित कर रहे थे।
डीएम ने अधिकारियों को निदेश दिया कि अतिक्रमण के विरूद्ध सख़्ती से अभियान चलाएं। अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करें।
डीएम ने कहा कि विभिन्न माध्यमों यथा समाचार पत्रों, इलेक्ट्रोनिक चैनलों लोक शिकायत सुनवाई एवं आम जनता से साक्षात्कार द्वारा भूमि विवादों के बारे में पता चलता है। बिना किसी आधार के दाखिल-खारिज के मामलों को लंबित रखने या अस्वीकृत करने से आम जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वरीय पदाधिकारी क्षेत्रों का नियमित भ्रमण करें एवं मामले की समीक्षा कर निष्पादन करें। उन्होंने कहा कि भूमि-विवाद का मामला काफी संवेदनशील होता है एवं ऐसी स्थिति में त्वरित कार्रवाई आवश्यक होता है। जिलाधिकारी ने कहा कि अंचल एवं थाना स्तर पर साप्ताहिक बैठक का नियमित आयोजन करें।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि भूमि विवादों के प्रभावी निष्पादन एवं अनुश्रवण के लिए सूक्ष्मतम स्तर पर निगरानी, भूमि विवाद के मामलों की गंभीरता का आकलन, अधिकारियों को प्राथमिक सूचना की विस्तृत जानकारी, भूमि विवाद निराकरण के संबंध में कृत कार्रवाई की समीक्षा, विवादित भूमि के पूर्ववृत (हिस्ट्री शीट) की जानकारी एवं भूमि विवाद समाधान का योजनाबद्ध क्रियान्वयन आवश्यक है। सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संयुक्त रूप से भूमि संबंधी मामलों का अनुश्रवण करें।
डीएम ने लोक शिकायत निवारण के तहत लंबित मामलों के साथपदाधिकारियों की उपस्थिति, आदेशों का अनुपालन, अपील की स्थिति की भी समीक्षा की।
डीएम डॉ सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके प्रति सभी लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता, तत्परता एवं प्रतिबद्धता प्रदर्शित करनी होगी।
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