डीएम का निर्देश : मूर्ति निर्माण और विसर्जन में प्रदूषण नियंत्रण नियमों का सख्ती से पालन करें

पटना, (खौफ 24) बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा आगामी पर्व-त्योहारों के अवसर पर मूर्ति निर्माण एवं विसर्जन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिलाधिकारी, पटना ने सभी पूजा समितियों, स्थानीय निकायों तथा प्रशासनिक पदाधिकारियों को इन मानकों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार (पूजा के उपरांत मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली, 2021, जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974, और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के साथ-साथ केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, नई दिल्ली द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन अनिवार्य है।

मूर्ति निर्माण में ये होंगे नियम-

मूर्ति की अधिकतम ऊँचाई 20 फीट तथा ऊपरी संरचना की ऊँचाई 40 फीट से अधिक नहीं होगी।

मूर्तियों का निर्माण पारंपरिक मिट्टी, बाँस आदि प्राकृतिक सामग्रियों से ही किया जाएगा।

प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

जहरीले और कृत्रिम रंगों का उपयोग नहीं होगा, मूर्तियों को केवल पानी में घुलनशील और प्राकृतिक रंगों से सजाया जाएगा।

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विसर्जन की प्रक्रिया-

मूर्तियों का विसर्जन केवल कृत्रिम तालाबों में ही किया जाएगा।

किसी भी प्राकृतिक नदी, नाले या प्रवाह में विसर्जन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

विसर्जन से पहले जैव-विघटनीय सामग्रियों को अलग से एकत्र कर निपटान करना होगा।

सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल विसर्जन की व्यवस्था प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।

डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूजा समितियों को उनके दायित्वों से अवगत कराएं। विसर्जन मार्ग का पूर्व निर्धारण किया जाए और कृत्रिम घाटों का स्थल निरीक्षण अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी करें। जुलूस मार्ग और घाटों को अतिक्रमणमुक्त रखा जाए, ताकि मूर्ति विसर्जन सुरक्षित और सुचारु रूप से संपन्न हो सके।

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