रामचरित्र मानस को मत मानिए, कचड़ा भरा हुआ है : जीतन राम मांझी

जमुई(खौफ 24): भ्रम जाल में डालकर लोगों को भ्रमित किया जाता है। ठीक रास्ते पर चलने वाले व्यक्ति को कर्म से भटकाते हैं और भावनाओं में बहाकर अपने वश में करके उसे गुलाम बनाते हैं। जिस वजह से हम उन्हें वास्तविकता समझाते हैं कि राम चरित्र मानस अच्छा है, लेकिन उसको आंख मूंदकर नहीं मानना चाहिए। उसमें भी बहुत सी बुराइयां हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती लोग मनाते हैं लेकिन बाल्मीकि जिसने रामायण लिखी है उसकी जयंती लोग क्यों नहीं मनाते हैं पूछिये समाज से।

चूंकि तुलसीदास ब्राह्मण हैं इसलिए उनकी जयंती मनती है और रामायण लिखने वाला बाल्मीकि महर्षि कहलाते हैं वो शिड्यूल जाती माने जाते हैं इसलिए उनकी जयंती नहीं मनाई जाती है। ये नहीं चलेगा यही सिखाते हैं हम बहुजनो को कि तुम्हारा लिखने वाला रामायण महर्षि तुलसी दास हैं इसलिए तुम तुलसी दास जी के रामायण को मानो,तुलसी दास जी के रामचरित्र मानस को मत मानो उसमें बहुत सारा कचड़ा भरा हुआ है उसको साफ करना चाहिए। उक्त बातें गरीब संपर्क यात्रा-सह-गरीब जगाओ सम्मेलन के तहत पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी द्वारिका विवाह भवन में कही।

उन्होंने संस्कृत के कई श्लोक भी पढ़कर अच्छा और खराब का फर्क बताया। इसके अलावा आगे उन्होंने जात पात ऊंच नीच और समाज में फैले भेदभाव पर भी जमकर हमला बोला।उन्होंने कहा कि भगवान ने जब सभी को बनाया है तो सब लोग एक हैं, लेकिन यहां पता नहीं चलता है कि कुछ लोग लोगों को नीच क्यों समझते हैं।जब राष्ट्रपति की पत्नी को उड़ीसा के एक मंदिर में नहीं जाने दिया। जीतन राम मांझी जब मुख्यमंत्री के रूप में मधुबनी में मंदिर में गया तो मंदिर को धोया गया यह कहां की बात है यह कैसा सोच है कैसी मानसिकता है।इसे हम लोगों को समझना होगा इस बुराइयों को समाज से निकालना होगा।

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आगे मांझी ने राज्य सरकार पर फिर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे नहीं बल्कि भुइयां समाज के एक कार्यकर्ता को सीएम बनाया गया था। जब दो महीने में मैंने गरीबों के लिए निर्णय लेना शुरू किया तो लोगों के पेट में दर्द होना शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन और रह जाते तो गरीबों का कल्याण हो जाता। गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाओं को लाया, लेकिन सब की गति धीमी पड़ गई है।

हमारा नकल झारखंड कर रहा है, लेकिन बिहार गरीब के कल्याण के लिए कुछ नहीं कर रहा है। चाहे वह भूमि का मामला हो,पीएम आवास योजना का मामला हो, बिजली बिल का मामला हो सब ज्यों का त्यों पड़ा है। उन्होंने कहा कि नवंबर माह में पटना के गांधी मैदान में रैली करेंगे जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुलाएंगे। उन्होंने हमारी मांगों पर विचार किया तो ठीक है वरना हम आगे का रास्ता ढूंढ लेंगे।

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