अस्पताल का हाल, OT में नहीं थी लाइट, टॉर्च की रोशनी में किया महिला का सीजर
झारखंड(खौफ 24): सरकार दावा करती है कि उसके शासन में राज्य में सबकुछ ठीक है, लेकिन हकीकत ये है कि लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही है खासकर स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में.दरअसल, धनबाद के सदर अस्पताल से डॉक्टरों की लापरवाही स्वास्थ्य महकमे की इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई है कि उसकी जितनी आलोचना की जाए कम होगी. वैसे तो धनबाद सदर अस्पताल में बोर्ड पर्दे लगाने के नाम पर भारी भरकम रकम पानी की तरह बहाई जा रही है लेकिन यहां ऑपरेशन थिएटर में बिजली सप्लाई की पर्याप्य व्यवस्था नहीं है.सदर अस्पताल में एक महिला को प्रसव पीड़ा उठने के बाद भर्ती कराया गया था. ऑपरेशन थिएटर में बिजली की व्यवस्था ना होने के बाद भी डॉक्टरों ने टॉर्च की रोशनी में प्रसूता का ऑपरेशन कर डाला. गनीमत रही कि जच्चा बच्चा सुरक्षित ओटी से बाहर आ गए
. अस्पताल के डॉक्टरों का भी कहना है कि करोड़ों की लागत से बने इस अस्पताल में सुविधा के नाम पर कुछ भी नही अस्पताल के ओटी की लाइट खराब
अस्पताल की ओटी लाइट खराब थी. प्रसव के लिए एक महिला का सीजर करना जरूरी था लेकिन डॉक्टरों ने महिला को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने या फिर रेफर करने की बजाय महिला का ऑपरेशन कर डाला. जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर संजीव कुमार ने बाहर पान की एक दुकान में जाकर टॉर्च खरीदी. टॉर्च लेकर वह अस्पताल पहुंचे फिर यहां मोबाइल व टॉर्च की रोशनी में महिला की सिजेरियन डिलीवरी कराई गई क्या बोले सीएस सिविल सर्जन डॉक्टर आलोक विश्वकर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने इसकी जानकारी होने से ही इन्कार कर दिया. साथ ही कहा कि पता कर रहा हूं कि आखिर किस परिस्थिति में इस प्रकार का ऑपरेशन किया गया है
. अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं मिलें, इसके लिए लगातार कोशिश हो रही है. हालांकि, टॉर्च की रोशनी में किए गए ऑपरेशन को सीएस ने डॉक्टरों की उपलब्धि भी बताई.क्या कहते हैं जानकार मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक, ऑपरेशन थिएटर यानि ओटी में सभी प्रकार की आवश्यक दवाई होनी चाहिए. सीजर के समय एनेस्थेटिक गायनेकोलॉजिस्ट मौजूद होने चाहिए. इतना ही नहीं कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ एनआइसीयू की सेवा जरूरी है. बिना इन चीजों के सिजेरियन डिलीवरी नहीं कराई जा सकती है.