आध्यात्मिक धार्मिक और संस्कृतिक के बारे में अध्ययन करेगी

मिर्जापुर(खौफ 24): विंध्याचल में रूस और अमेरिका के 50 सदस्यीय टीम पहुंचेंगी जो कि अध्ययन करेगी कि आखिर मां विंध्यवासिनी मंदिर किस बिंदु कोण पर स्थित है.मिर्जापुर: अमेरिका और रूस की 50 सदस्यीय टीम शुक्रवार को विंध्याचल धाम पहुंचेगी.यहां वह आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक के बारे में अध्ययन करेगी. अंतरराष्ट्रीय ज्योतिषाचार्य संजय रथ के नेतृत्व में टीम पहुंच रही है. टीम में एलना, मेरिया डिया जैसे प्रमुख लोग शामिल हैं.विंध्य कॉरिडोर का निर्माण कार्य,मिर्जापुर के विंध्याचल में स्थित विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी धाम पूरे देश में जाना जाता है. विंध्य कॉरिडोर के निर्माण शुरू हो जाने से अब यहां पर विदेशी भी सात समुंदर पार कर मां के दर्शन और धार्मिक अध्यात्मिक संस्कृति को देखने पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को विंध्याचल में रूस और अमेरिका के 50 सदस्यीय टीम पहुंच रहा है. अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिषाचार्य संजय रथ के नेतृत्व में टीम पहुंच रहा है. इस टीम में विदेशी ज्योति छात्र भी शामिल है.

यह टीम वाराणसी में 2022 में आयोजित काशी ज्योति इवेंट का हिस्सा ले चुकी है. इस टीम में ग्रुप लीडर ऐलेना मेरिया डिया जैसे लोग प्रमुख शामिल है.यह टीम मां विंध्यवासिनी धाम के निर्माणाधीन विंध्य कॉरिडोर का अवलोकन करेगी. साथ ही यह पता लगाएगी मां विंध्यवासिनी मंदिर किस बिंदु कोण पर स्थित है, क्योंकि भारत देश का मानक समय (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम) विंध्याचल धाम से लिया गया है. इन विदेशी मेहमानों को लाने का श्रेय भारतीय संस्कृत का अध्ययन कर रहे दिवाकर मिश्रा प्रेरणा के स्रोत बने हैं. दिवाकर मिश्रा काशी में इन विदेशी मेहमानों के साथ दो महीनों से कार्य कर रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि यह टीम 23 दिसंबर को 2:00 बजे तक मां विंध्यवासिनी धाम मंदिर पहुंचेगी और दर्शन पूजन कर वहां के आध्यात्मिक धार्मिक और संस्कृति का अध्ययन करेंगे. ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर,बता दें कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल शिलान्यास किया था. जिसका काम तेजी से चल रहा है. 224 करोड़ की लागत से विंध्य कॉरिडोर का तीन चरणों में निर्माण किया जाएगा. प्रथम चरण में विंध्य कॉरिडोर के परिपथ का निर्माण का काम चल रहा है. इसमें चार सिंहद्वार बनाए जा रहे हैं. इसे भव्य रूप देने के लिए मिर्जापुर के अहरौरा गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. राजस्थान के कुशल कारीगरों के द्वारा रात दिन पत्थरों को तराश कर द्वारा बनाए जा रहे हैं. सहायक पर्यटन अधिकारी नवीन कुमार का कहना है कि 40 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है. कार्य तेजी से चल रहा है।

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