
फुलवारी शरीफ में फिल्मी अंदाज़ में हत्या!
फुलवारी शरीफ, अजीत किसान कॉलोनी से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है. किसान कॉलोनी फेज वन में शुक्रवार की दोपहर बाइक पर आए दो शूटरों ने दिनदहाड़े एक युवक को गोलियों से छलनी कर दिया. गोली इतनी करीब से मारी गई कि युवक वहीं ढेर हो गया. घटनास्थल पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और अफरा-तफरी मच गई. इस केस में हर मोड़ पर एक नया ट्विस्ट सामने आ रहा है और पुलिस को अब भी कई परतों को खोलना बाकी है. सवाल सिर्फ एक—क्या ये गैंगवार की शुरुआत है या अंत की आहट?
लेकिन इस मर्डर में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मरने वाले युवक के पास से भी एक लोडेड पिस्तौल मिला. यानी शक ये भी है कि उसने भी फायरिंग की, पर कातिलों के सामने टिक नहीं पाया. घटनास्थल से दो खोखा और एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ है. साथ ही एक हेलमेट और बाइक भी मिली है, जो नालंदा के रोतिह कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड है।
आईफोन में छिपा है मौत का रहस्य?
मृत युवक के पास से दो मोबाइल फोन मिले हैं—एक आईफोन और दूसरा सामान्य फोन. आईफोन को तकनीकी रूप से खोलना अभी संभव नहीं हो पाया है, लेकिन दूसरे मोबाइल में सिर्फ तीन नंबर डायल मिले हैं. इससे पुलिस को शक है कि मरने से पहले उसने किसी को बुलाया था. मोबाइल में जो सिम मिली है वो कोलकाता की है, जिससे केस का दायरा अब अंतरराज्यीय गैंग तक बढ़ता दिख रहा है।
एफएसएल जुटा रही है सबूत, पहचान अब भी अधूरी
मौके पर एफएसएल की टीम ने पहुंच कर हर सबूत को बारीकी से जुटाया है. लेकिन मृतक की पहचान अब तक नहीं हो पाई है. पुलिस ने उसकी तस्वीरें नालंदा और अन्य जिलों में भेजी हैं. कहीं से भी पुष्टि नहीं हो पाई है, जो इस केस को और रहस्यमयी बना रहा है।
क्या गैंग ने अपने ही सदस्य को मार गिराया?
अब सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है. गुप्त सूत्रों से पुलिस को जो खबर मिली है, उससे शक गहराता जा रहा है कि ये मर्डर गैंग के अंदर ही हुए किसी अंतर्कलह का नतीजा हो सकता है. मरने वाला भी आपराधिक प्रवृत्ति का था और उसके ही किसी साथी ने शायद उसे रास्ते से हटा दिया. गोली मारने का तरीका प्रोफेशनल शूटर जैसा था, जिससे अंदाज़ा है कि ये हत्या पूरी प्लानिंग के साथ की गई है।
CCTV और कॉल डिटेल्स खोलेंगे राज़ का दरवाज़ा-
अब इस हाई-प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है. कॉल रिकॉर्ड, मोबाइल लोकेशन, और डिजिटल फोरेंसिक से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वारदात के पीछे कौन है और क्यों मारा गया ये युवक।