बाढ़ पीड़ित एनएच 31 पर रहने को हुए मजबूर, वर्षों से झुग्गी झोपड़ी में रहकर काट रहे

बलिया, संजय कुमार तिवारी बाढ़ की मार से आज भी लोग उबर नही पाए है जिसका जीता जागता उदाहरण बलिया के बैरिया तहसील क्षेत्र के चांद दियर चौकी के समीप यादव बस्ती का है लगभग 25 दिन हो गए गंगा नदी के कटान से एनएच 31 लगभग सौ मीटर बह गया था जिसके बाद पांच दिनों तक आवागमन बंद हो गई थी। और यादव बस्ती में गंगा नदी के बाढ़ का पानी घरों में घुसने के वजह से लोग एन एच 31 पर प्लास्टिक लगाकर रहने के लिए मजबूर है। जिला प्रशासन के द्वारा बाढ़ पीड़ितो को एक प्लास्टिक का तिरपाल दिया गया है। और एक बार बाढ़ राहत सामग्री दी गई है जिनके घरों में लोगो की संख्या ज्यादा थी उनको भी एक पैकेट बाढ़ राहत दी गई है।यह राहत सामग्री तीन दिनों में ही समाप्त हो गई।

उसके बाद बाढ़ पीड़ित मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे है। जरा गौर से देखिए एक महिला कमर भर बाढ़ की पानी से होकर बंधे पर आ रही है।en बाढ़ पीड़ितो का घर नही है घास फूस की झोपड़ी बनाकर रह रही थी कि अचानक बाढ़ का पानी आने से झुग्गी झोपड़ी पूरी तरह से छतिग्रस्त हो गई है और अब घर का खाने से लेकर पीने तक का सारा सामान बर्बाद हो गई है। अब कोई कोई ठिकाना नहीं है अभी तक सरकारी आवास तक नसीब नही हुए है लोग आ रहे है और देखकर चले जा रहे है सरकार कह रही है लेकिन दे तो नही रही है सब जो था वह बाढ़ का पानी में बह गया। अगल बगल के लोग दे रहे है तो हमलोग खा रहे है नात रिश्तेदार लाकर दे रहे है तो जीवन चल रहा है।

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