गंगा ने मचाई तबाही, बाढ़ की चपेट में एक लाख की आबादी हुई प्रभावित
बलिया, संजय कुमार तिवारी गंगा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शूरु कर दिया है। जहां गंगा नदी खतरा बिंदु को पार कर चुकी है। जिससे बाद गंगा का पानी गांवों में घुसना शुरू हो गया है तथा बढ़ते जलस्तर से गंगा नदी ने जिले की बैरिया तहसील की घेराबंदी कर रखी है। बाढ़ विभाग के आंकड़ों के अनुसार बलिया में गंगा नदी अपने खतरा बिंदु से एक मीटर से उपर से बह रही है। बाढ़ विभाग के कनिष्ठ अभियंता के अनुसार गंगा में आई बाढ़ के कारण बैरिया तहसील के 16 से 17 गांव प्रभावित हैं। जिससे लगभग एक लाख की आबादी बाढ़ के प्रभावित हो गई है। गंगा नदी के अचानक बढ़े जलस्तर से लोगों में रहन-सहन से लेकर भोजन तक का संकट उत्पन्न कर दिया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार बलिया में बीती रात गंगा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि हुई है। जिससे बैरिया तहसील क्षेत्र के रूद्रपुर, गोपालपुर, उदई छपरा, मझौवां, दूबे छपरा तथा सुघर छपरा जैसे 16 से 17 गांव बुरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। यहां रात में अचानक गंगा नदी का पानी गांव तथा लोगों के घरों में घुस आया है। जिसके कारण घर में रखा हुआ सामान और खाने-पीने का अनाज भी गंगा में डूब गया है। स्थानियों की माने तो लोगों का ज्यादातर सामान तथा अनाज गंगा नदी में डूब गया है जिसके बाद वह लोग बंधे पर शरण लिए हुए हैं। एक तरफ जहां पानी घरों में घुसने से रहने का संकट उत्पन्न हुआ है तो वही अनाज डूब जाने से लोगों में भोजन का संकट भी उत्पन्न हो गया है।
यहां शुघर छपरा, दुबे छपरा तथा उदई छपरा जैसे गांव बाढ़ ज्यादा प्रभावित है। जहां गंगा का पानी गांव में घुस जाने के कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। शुगर छपरा गांव में लोग अपने घरों को बंद कर कर वहां से पलायन कर रहे हैं। तो बचे-खुचे लोग कमर और सीने तक पानी में उतरकर आगमन करने को मजबूर हैं। लोगों की मानें तो यहां अभी तक किसी प्रकार की कोई प्रशासनिक सहायता नहीं पहुंचाई गई है। जिसके कारण यहां के लोगों में रहने और खाने का संकट लगातार बना हुआ है। लोगों अनुमान है कि अगर गंगा नदी का जलस्तर इसी प्रकार से बढ़ता रहा तो लोगों को जल्द ही पूरा गांव खाली करके शहर की ओर रुख करना पड़ेगा।
गंगा नदी में आई बाढ़ के कारण एक तरफ जहां लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। तो वहीं यहां फसलों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। स्थानीय लोगों की मानें तो गंगा के जलस्तर में अचानक वृद्धि से यहां सैकड़ो एकड़ उपजाऊ भूमि और तैयार फसल गंगा में जलमग्न हो गई है। घर में रखे खाने के अनाज के साथ-साथ यहां खेत में तैयार सब्जियां भी गंगा में डूब गई हैं। जिसके बाद यहां लोग अब राशन समाप्त हो जाने के बाद भूखे रहने को मजबूर होंगे।
वही बाढ़ विभाग के कनिष्ठ अभियंता अमरनाथ वर्मा ने बताया कि बलिया में गंगा नदी अपने खतरा बिंदु को पार कर चुकी है। गंगा लाल निशान से करीब 1 मीटर ऊपर बह रही है। जिसके कारण बैरिया तहसील क्षेत्र के लगभग 16 से 17 गांव बाढ़ के चपेट में आ गए हैं। जिससे लगभग एक लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है। उन्होंने बताया कि गंगा की बाढ़ के प्रभाव को कम करने तथा यहां बैंबू कैरेट्स को तैयार करके रखा जा रहा है।