
इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने पत्रकार विमल हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की
पटना, खौफ 24। इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनाथ विद्रोही और महासचिव रंजेेश कुमार झा ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर बताया की अररिया के रानीगंज दैनिक जागरण के दिवंगत पत्रकार विमल कुमार यादव ह्त्या काण्ड के बाद इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (आईजेए) द्वारा गठित जांच टीम द्वारा पूरी घटनाक्रम की जांच की गयी और अपनी जाँच प्रतिवेदन बिहार सरकार, केंद्र सरकार, पीसीआई को समर्पित कर जांच टीम की अनुसंशाओं को शीघ्र लागू करने की मांग करती हैं। यह प्रतिवेदन अररिया और रानीगंज के प्रसाशनिक अधिकारियों पुलिस के वरीय अधिकारियों, पत्रकारों, गांव के गणमान्य, मृतक के पिताश्री से बातचीत के आधार पर तैयार की गयी है। प्रतिवेदन में उन्ही बातों को शामिल किया गया हैं।
बतादें की 18 अगस्त की अहले सुबह अररिया जिले के रानीगंज के दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार यादव की हथियार बंद अपराधियों ने नाम लेकर पुकारने के बाद दरबाजा खोलते ही ताबडतोड गोलियां चलाकर ह्त्या कर दिया। पत्नी द्वारा हल्ला करने पर पडोसी जबतक आये हमलावर भाग निकले। पुलिस को सुचना दी गयी उन्हें रानीगंज अस्पताल लाया गया तबतक उनकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना प्रसारित होते ही बिहार ही नहीं पुरे देश के पत्रकारों में आक्रोश उत्पन्न हुआ। संगठन की ओर से मुख्यमंत्री बिहार को तुरंत पत्र भेजकर हस्तक्षेप करने की मांग की गयी मुख्यमंत्री ने भी पत्रकार की हत्या पर चिंता जाहिर कर अभियुक्तों की तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिया। अधिकारी सजग हुए और पूर्णिया के आईजी सुरेश कुमार चौधरी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
आईजी ने अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह को दिशा निर्देश देते हुए पुलिस के तेज तर्रार अधिकारियों की चार टीमें बनायी और छापेमारी में लगाए। टीम ने शाम तक सार्थक परिणाम दिए और चार हत्यारे विपिन यादव, भावेश यादव आशीष यादव उमेश यादव को गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने शाम में प्रेस वार्ता कर घटना और गिरफ्तारी की जानकारी दी। पुलिस की उपलब्धि पर पत्रकारों ने राहत की सांस ली। गिरफ्तार चारों अभियुक्तों द्वारा हत्या के राज खोले गए तो पुलिस उस दिशा में सजग हो गयी और नेपाल भाग रहे मुख्य शूटर अर्जुन शर्मा को नेपाल बॉर्डर के जोगवनी के चाणक्या चौक से गिरफ्तार कर लिया जबकि दूसरा शूटर माधव यादव फरार है।
पुलिस के अनुसार टीम तकनिकी आधार पर मिल रहे इनपुट के द्वारा गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है बहुत जल्द इसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस तरह कुल पांच नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। छठा फरार है जबकि दो अभियुक्त क्रान्ति यादव और रुपेश यादव अररिया और सुपौल जेल में बंद है। पुलिस के अनुसार हत्या कराने की सुपारी जेल से ही रुपेश ने दी थी और विमल यादव के भाई गबू यादव की अप्रैल 2019मे हुयी काण्ड में गवाही नहीं देने और केस सुलह का दबाब बनाकर धमकी दे रहा था।
घटना का कारण विमल यादव के भाई गब्बू यादव सरपंच थे जिनकी ह्त्या अप्रैल 2019 में कर दी गयी थी। आरोपी क्रान्ति यादव और रुपेश यादव जेल में बंद है। इस केस में उसे उम्रकैद की सजा होने की डर सता रहा था। यही कारण था की वह केस सुलह करने की धमकी देरहा था तथा नहीं करने पर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा था।
विमल की ह्त्या 18 अगस्त सोमवार को हुयी ठीक इसके पिछले सोमवार को अररिया कोर्ट में विमल की अपने भाई की ह्त्या मामले में गवाही थी। विरोधी पक्ष वहां मौजूद था। सबने धमकी दिया। दुर्व्यवहार भी किया। वापसी में पीछा किया, घेरा लेकिन वे घर आने में सफल हुए। यह बात अपने पिता और पत्नी से साझा किया किन्तु रात दिन पुलिस के साथ हर बात साझा करने बाले विमल यादव इस बड़ी घटना को हलके में लेकर पुलिस से शिकायत नहीं किया और छुपा दिया ?परिणाम सामने है। कोर्ट में गवाही हुई या नहीं हम अधिकृत पता नहीं किया लेकिन पिता के अनुसार गवाही हुई।
विशेष जांच की जरुरत-
जिस दिन विमल कुमार यादव की ह्त्या हुई। अपराधियों ने भैया दरबाजा खोलिये बोलकर आवाज लगाई ऐसा कई बार बोला। तब विमल सोये हुए थे। आवाज सुनकर वे दरवाजा खोलने आये और हत्यारों ने गोली चलाकर हत्या कर दी। निश्चित रूप से यह जानी पहचानी आवाज थी। इस आवाज की पहचान आसानी से गिरफ्तार किये गए शूटर और आरोपी हत्यारों को रिमांड पर लेकर की जा सकती है। निश्चित रूप से यह व्यक्ति विमल कुमार यादव के नजदीकी होगा। आवाज सुनकर और पहचानकर की विमल ने दरवाजा खोली थी।
संस्था की मांगे-
1- विमल कुमार यादव मामले की स्पीडी ट्रायल कराकर अभियुक्तों को सजा दिलाई जाए
2- पारिवारिक हाउस गार्ड की अभी जो व्यवस्था प्रशासन ने किया है, उस व्यवस्था को तबतक बहाल रखी जाए तबतक स्पीडी ट्रायल का परिणाम ना आ जाए।
3-सरकार विमल यादव के परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में 25लाख का मुआवजा दे तथा बाल बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करे।
4-दैनिक जागरण प्रबंधन विमल कुमार यादव को 10लाख का मुआवजा दे असोसिएशन अलग से पत्र जागरण समूह को कानपुर भेज रही है। श्राद्ध तक यह मुआवजे की राशि देना सुनिश्चित करें।
5-राज्य सरकार-छत्तीस गढ़ सरकार की तरह पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर तुरंत लागू करे।
6-पत्रकारों पर हमले के मामलों को संज्ञेय अपराध मानकर गैर जमानती धारा में मामला दर्ज हो।
7-पत्रकार जो आर्म्स का लाइसेंस लेना चाहें उन्हें बिना विलम्ब किये हथियार खरीदने का आदेश लाइसेंस दिया जाए !
८-मुफस्सिल पत्रकारों को मिल रहे मानदेय की समीक्षा हो और सभी अखवारों के प्रवंधन से जिला ,अनुमंडल ,ब्लॉक की सूचि मांगकर श्रमायुक्त के माध्यम से इनकी समस्यायों का तुरंत निवटारा किया जाएँ !
9-चूँकि अररिया एसपी ने अपने अनुसंधान में ह्त्या की साजिश करने के लिए जेल में बंद रुपेश यादव को जिम्मेवार माना है !लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेल अधीक्षक ने इसे गलत करार देते हुए कहा है की यह आरोप गलत है। इससे मामला उलझता हुआ नजर आ रहा है। जेल अधीक्षक की भूमिका संदेहास्पद है। संस्थान विमल यादव ह्त्या काण्ड की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हैं। राज्य सरकार इस दिशा में अबिलम्ब पहल करें।
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