प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़े मासूम

नालंदा, राकेश : शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा और प्रशासनिक उदासीनता का एक और दर्दनाक उदाहरण बुधवार को नालंदा जिले में देखने को मिला। गिरियक प्रखंड के ईसापुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में दोपहर करीब 12 बजे के बाद अचानक छत का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया, जिसमें छह मासूम बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में एक बच्चे का हाथ टूट गया है।

घटना की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि यह हादसा पूर्व में कई बार चेतावनी देने के बावजूद हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल भवन पिछले दो वर्षों से जर्जर अवस्था में था और उन्होंने कई बार शिक्षकों तथा संबंधित विभाग को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया।

घायल बच्चों की सूची

दुर्घटना में घायल होने वाले छह बच्चों में अनमोल कुमारी (कक्षा 1), प्रमोद कुमार (कक्षा 1), सत्या कुमार (कक्षा 2), सुहानी कुमारी (कक्षा 4), अंकुश कुमार (कक्षा 4) और विक्की कुमार (कक्षा 5) शामिल हैं। घायल बच्चों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गिरियक ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए पावापुरी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

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स्वास्थ्य व्यवस्था की भी खुली पोल

लेकिन जब घायल बच्चों को पावापुरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया तो वहां की स्थिति ने एक और सवाल खड़ा कर दिया। बच्चों को बेड तक नसीब नहीं हुआ और उन्हें बरामदे में ही बैठाकर सेलाइन चढ़ा दिया गया। यह दृश्य न केवल मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में मरीजों की कितनी उपेक्षा होती है।

प्रधानाध्यापक ने स्वीकारा विभाग को दी थी सूचना

विद्यालय के प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल में चार शिक्षक हैं और कुल 66 बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि विभाग को पहले ही स्कूल की जर्जर स्थिति के बारे में सूचित कर दिया गया था। लेकिन किसी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया और आज यह हादसा हो गया।

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