मलेरिया की रोकथाम, नियंत्रण व उन्मूलन के प्रति लोगों का जागरूक होना जरूरी

अररिया(रंजीत ठाकुर): मलेरिया रोग के खतरे व इससे बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन किया जाता है। मलेरिया ररोग को नियंत्रित करने संबंधी उपायों के प्रति आम लोगों को जागरूक करना इस विशेष दिवस का मुख्य उद्देश्य है। हर साल की तरह इस बार भी विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता संबंधी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर जहां आम लोगों रोग के कारण व निदान संबंधी उपायों के प्रति जागरूक किया जायेगा। वहीं जिले के चिह्नित विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित कर स्कूली बच्चों को रोग से खुद का बचाव करते हुए समुदाय को इसके प्रति जागरूक करने के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया जायेगा।

हाल के वर्षों में मलेरिया के मामलों में आयी है कमी

मलेरिया रोग के संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में जिले में मलेरिया के मामलों में काफी कमी आयी है। विगत वर्षों में जो मलेरिया के मामले मिले हैं, उनमें अधिकांश मरीज दिल्ली, हरियाणा, पंजाब या पूर्वोत्तर के राज्य से संबंद्ध पाये गये हैं। बीते साल कालाजार रोगी खोज अभियान के साथ मलेरिया रोगियों की खोज को लेकर जिले में विशेष अभियान संचालित किया गया। इसमें मलेरिया से जुड़े मामले काफी कम मिले।

जिले में नि:शुल्क जांच व इलाज की है सुविधा


डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि जिले में मलेरिया की जांच व इलाज का नि:शुल्क इंतजाम है। बावजूद इसके लोग जानकारी के अभाव में इलाज पर काफी खर्च करते हैं। प्राइवेट क्लिनिक में मलेरिया जांच के लिये 500 से 1000 रुपये चार्ज किया जाता है। वहीं जांच सभी पीएचसी, एपीएचसी, रेफरल, अनुमंडल व जिला अस्पताल में नि:शुल्क की जाती है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी संस्थानों में पर्याप्त मात्रा में मलेरिया जांच किट उपलब्ध हैं । रोग से जुड़े लक्षण होने पर लोगों को तुरंत नजदीकी अस्तपाल में अपनी जांच करानी चाहिये।

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इन लक्षणों के आधार पर रोग की पहचान आसान

जागरूकता को लेकर रोग का लक्षण छह से आठ दिन के बाद व्यक्ति में रोग के लक्षण दिखने लगते हैं। ठंड लगकर बुखार आना, बुखार ठीक होने पर पसीना आना, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट की परेशानी, उल्टी आना, बेहोशी, त्वचा पीला पड़ना ,रोग के सामान्य लक्षण हैं ।

रोग से बचाव के लिये इन उपायों पर अमल

मच्छरदानी का उपयोग रोग से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है। इसके अलावा घर के आसपास जलजमाव नहीं होने देने, ठहरे हुए पानी में मच्छरों के लार्वा को खत्म करने के लिये दवा का छिड़काव सहित अन्य उपायों की मदद से मलेरिया के खतरों से पूर्णत: निजात पायी जा सकती है।

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