
आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए मनाया जाता : पितृ पक्ष
पितृ पक्ष पूर्वजों के प्रति सम्मान व्यक्त करने, उनकी आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए मनाया जाता है, जिसमें तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं. यह 16 दिन की एक धार्मिक अवधि है, जब पितरों को जल, भोजन आदि अर्पित कर उनके आशीर्वाद की कामना की जाती है, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और वंश को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.
पितृ पक्ष क्यों मनाया जाता है।यह अपने मृत पूर्वजों (पितृ) को याद करने और उनके प्रति श्रद्धा व सम्मान व्यक्त करने का अवसर है. पितरों को विशेष भोजन और जल अर्पित करके उनकी आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है.इस अवधि में श्राद्ध करने से पितृ दोष दूर होता है, जो जीवन की बाधाओं और समस्याओं का कारण बनता है.
आशीर्वाद की प्राप्ति :
पितरों को प्रसन्न करने से उनका आशीर्वाद मिलता है, जिससे परिवार को सुख-समृद्धि और खुशहाली प्राप्त होती है. यह पितरों के लिए किए जाने वाले पुण्य कर्मों का समय है, जिससे उन्हें संतुष्टि मिलती है.पितरों की मृत्यु तिथि पर उनके निमित्त श्राद्ध और तर्पण किया जाता है, जिसमें ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान-दक्षिणा देना पूर्वजों के लिए पिण्डदान किया जाता है, गाय कौवे, चींटी, कुत्ता आदि को भोजन कराना, जिसे पंचग्रास या पंचबली कहते हैं,भी महत्वपूर्ण माना जाता है.