
जिले में अब तक 800 से अधिक बच्चियों को लगाया जा चुका है एचपीवी का टीका
अररिया, रंजीत ठाकुर : सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिये जिले में 9 से 14 वर्ष आयु वर्ग की बच्चियों के टीकाकरण का दूसरा चरण सफलता पूर्वक जारी है। मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना के तहत बच्चियों को ह्यूमन पैपिलोमा वायरस यानी एचपीवी का टीका लगाया जा रहा है। यह टीका भविष्य में बच्चियों को सर्वाइकल कैंसर जैसे गंभीर रोग से बचाने में सहायक होगा। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा चरणबद्ध तरीके से संचालित इस अभियान के क्रम में अब तक लक्षित आयु वर्ग की 800 से अधिक बच्चियों को टीकाकृत किया जा चुका है। बीते फरवरी माह में संचालित अभियान के पहले चरण में 360 बच्चियों को यह टीका लगाया गया था। वहीं जिले में संचालित टीकाकरण के दूसरे चरण में अब तक 440 बच्चियों को टीकाकृत किया जा चुका है।
स्कूलों में आयोजित किये जा रहे विशेष जागरूकता सत्र
अभियान के बारे में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि पहले चरण में टीकाकरण के लिये राज्य स्तर से जिले को कुल 360 वायल वैक्सीन उपलब्ध कराया गया था। वहीं दूसरे चरण में जिले को 3300 वायल वैक्सीन प्राप्त है। उन्होंने कहा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित इस अभियान का उद्देश्य महज टीकाकरण तक सीमित नहीं है। बल्कि बच्चियों व उनके अभिभावकों को सर्वाइकल कैंसर के कारण, बचाव संबंधी उपाय के साथ-साथ टीके की अहमियत के बारे में जागरूक करना है। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्कूलों में विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किया जा रहा है। इससे एक तरफ जहां समुदाय में रोग से जुड़ी भ्रांतियां दूर हो रही है। वहीं दूसरी तरफ टीकाकरण अभियान के प्रति बच्चियों व उनके अभिभावकों का भरोसा भी बढ़ रहा है।
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर चुनौती
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि दुनिया भर के देशों में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर चुनौती है। महिलाओं में होने वाले कैंसर में यह सबसे आम है। जिसे टीकाकरण की मदद से रोका जा सकता है। इसलिये राज्य स्तर पर विशेष अभियान संचालित करते हुए निर्धारित आयु वर्ग की बच्चियों को टीकाकृत किया जा रहा है। अभिभावकों से मेरी अपील है कि स्वास्थ्य विभाग की इस पहल को गंभीरता से लेते हुए निर्धारित आयु वर्ग की अपनी बच्चियों को टीका जरूर दिलायें। ताकि भविष्य में हमारी बेटियों का इस रोग से बचाव संभव हो सके।