जिलाधिकारी ने कहा कि यह एक समयबद्ध एवं अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम है

पटना, (खौफ 24) जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी, पटना द्वारा आज 187-मनेर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र तथा 191-बिक्रम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अन्तर्गत निर्वाचक सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण, 2025 कार्यों में प्रगति की समीक्षा की गई। जी जे कॉलेज, बिहटा के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में दोनों निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सभी सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी तथा सभी बीएलओ सुपरवाईजर उपस्थित थे। उन्होंने गणना-प्रपत्र के बूथवार वितरण की स्थिति, गणना प्रपत्र एवं दस्तावेजों का बूथवार संग्रहण की स्थिति सहित आयोग के सभी दिशा-निदेशों के अनुपालन की समीक्षा की। जिलाधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। डोर-टू-डोर गणना फॉर्म (ईएफ) के वितरण एवं निर्वाचकों से आवश्यक दस्तावेजों के साथ इसे संग्रह करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह एक समयबद्ध एवं अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिक निर्वाचक नामावली में शामिल हों और कोई भी पात्र मतदाता निर्वाचक नामावली से बाहर न हो। साथ ही कोई भी अपात्र मतदाता इसमें शामिल न हो। मृत/स्थानान्तरित/अनुपस्थित मतदाताओं का नाम हटाना भी इसका प्रयोजन है।ज़िलाधिकारी ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए निर्वाचक नामावली की सत्यनिष्ठा बनाए रखना आवश्यक है। भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार दिनांक 01.07.2025 की अर्हता तिथि के आधार पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 में 25 जून से 26 जुलाई तक हाउस-टू-हाउस सर्वेक्षण एवं 1 अगस्त को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन किया जाएगा। दावा एवं आपत्ति दाखिल करने की अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक निर्धारित की गई है। 30 सितंबर को निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। अंतिम निर्वाचक नामावली की प्रति सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तरीय राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएगी। साथ ही ईसीआई/सीईओ के वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी।

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ज़िलाधिकारी ने कहा कि अभियान के दौरान वरिष्ठ नागरिकों, बीमार लोगों, दिव्यांगजन, भेद्य समूहों सहित सभी निर्वाचकों की हर सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है तथा उन्हें यथासंभव सहायता प्रदान की जा रही है। इसके लिए विकास मित्रों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, जीविका दीदियों सहित अनेक क्षेत्रीय कर्मियों को लगाया गया है जो सभी निर्वाचकों को विधिवत सहायता प्रदान करेंगे। सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों एवं बीएलओ को इसके लिए निर्देशित किया गया है।

ज़िलाधिकारी ने ईआरओ को निदेशित करते हुए कहा कि बीएलओ के माध्यम से डोर-टू-डोर गणना फॉर्म (ईएफ) के वितरण एवं निर्वाचकों से आवश्यक दस्तावेजों के साथ इसे संग्रह करने की प्रक्रिया में तेजी लाएँ। बीएलओ पर्यवेक्षकों को बीएलओ के गुणात्मक और मात्रात्मक आउटपुट की जांच करने का निदेश दिया गया। एईआरओ किसी भी पात्र व्यक्ति के नाम हटाए जाने या किसी भी अपात्र व्यक्ति को शामिल करने की किसी भी शिकायत की जाँच करेगा। दावों और आपतियों पर निर्णय के बाद ईआरओ द्वारा अंतिम निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जाएगी।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि पुनरीक्षण के दौरान भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 में उल्लिखित मतदाता के रूप में पंजीकरण की पात्रता और अयोग्यता संबंधी प्रावधानों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेने वाले भारतीय नागरिक जो पंजीकरण के स्थान के सामान्य निवासी हैं एवं किसी कानून के अंतर्गत अयोग्य नहीं है, वे सभी निर्वाचक बनने की अर्हता रखते हैं।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि जिन मतदाताओं द्वारा समय पर फॉर्म नहीं जमा किया जाएगा उनके नाम प्रारूप सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे। यदि कोई मतदाता समय पर गणना फॉर्म जमा नहीं कर पाते हैं तो वे दावा-आपभी अवधि के दौरान फॉर्म-6 एवं घोषणा-पत्र के साथ नाम जोड़ने हेतु आवेदन कर सकते हैं।

जिलाधिकारी ने प्रत्येक मतदाता से अपील करते हुए कहा कि वे गणना प्रपत्र को आवश्यक सेल्फ-एटेस्टेड दस्तावेजों के साथ संलग्न कर तथा घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए यथाशीघ्र संबंधित बीएलओ को उपलब्ध कराएं। मतदाता voters.eci.gov.in पर एपिक नंबर डालकर भी गणना प्रपत्र प्राप्त कर सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से गणना प्रपत्र भरने एवं दस्तावेज अपलोड करने की सुविधा voters.eci.gov.in एवं ECINet App पर भी उपलब्ध हो रही है।

*ज़िलाधिकारी ने कहा कि बिहार के लिए अंतिम गहन पुनरीक्षण आयोग द्वारा वर्ष 2003 में 01 जनवरी, 2003 को अर्हता तिथि मानते हुए किया गया था। 1 जनवरी, 2003 की अर्हता तिथि तक मतदाता सूची में दर्ज मतदाताओं को विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 के दौरान गणना प्रपत्र के साथ दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है। दिनांक 01.01.2003 की अंतिम गहन पुनरीक्षित मतदाता सूची में शामिल मतदाताओं को केवल अपनी प्रविष्टियों की पुष्टि करनी है और गणना प्रपत्र भरकर जमा करना है। इसके अतिरिक्त, यदि किसी मतदाता के माता या पिता में से कोई एक व्यक्ति 01.01.2003 तक मतदाता सूची में शामिल रहे हैं, तो ऐसे व्यक्ति को इस विशेष गहन पुनरीक्षण, 2025 के दौरान नामांकन के लिए उनसे संबंधित किसी भी दस्तावेज को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी, चाहे उस व्यक्ति की जन्मतिथि कुछ भी हो।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निदेशों के तहत संचालित हो रहा है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के सेक्शन 32 के तहत निर्वाचक सूची के निर्माण, पुनरीक्षण या संशोधन कार्यों में लापरवाही बरतने वाले किसी भी ईआरओ, एईआरओ या अन्य व्यक्ति के विरूद्ध सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में शामिल हर एक सरकारी कर्मी एवं अधिकारी इन कार्यों को प्रमुखता से सम्पन्न करेंगे। इनके विभागीय कार्यों के संपादन हेतु उनके नियंत्री पदाधिकारियों द्वारा आवश्यकतानुसार वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि जो भी बीएलओ अपने कार्यों के निर्वहन में लापरवाही बरत रहे हैं उन सभी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। साथ ही उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

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ज़िलाधिकारी द्वारा ईआरओ को अपने–अपने कार्यालय में विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए डेडिकेटेड कंट्रोल रूम को क्रियाशील रखने के लिए निर्देशित किया गया। सभी एईआरओ को भी अपने–अपने कार्यालयों में कंट्रोल रूम को क्रियाशील रखने का निदेश दिया गया।

ज़िलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में समय-सीमा का हर हाल में अनुपालन सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी स्टेकहोल्डर्स यथा राजनैतिक दलों, मीडिया, निर्वाचकों सहित आम लोगों से विशेष गहन पुनरीक्षण, 2025 में सक्रिय सहभागिता प्रदान करने की अपील की। पदाधिकारियों को पुनरीक्षण अभियान पारदर्शी, समावेशी एवं सहभागिता-पूर्ण माहौल में संपन्न कराने का निर्देश दिया गया, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्रत्येक पात्र नागरिक की सहभागिता सुनिश्चित की जा सके।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की सहायता के लिए जिला सम्पर्क केन्द्र-सह-मतदाता हेल्पलाइन Tollfree No. 1950 पर कॉल कर सक

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में प्रारम्भ निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के संबंध में प्रमुख तथ्य

क्या है विशेष गहन पुनरीक्षण? (Special Intensive Revision)

  • संविधान के अनुच्छेद 326 में यह प्रावधान है कि प्रत्येक व्यक्ति जो भारत का नागरिक है, और जो अर्हक तिथि को 18 वर्ष से कम आयु का नहीं है, और किसी भी कानून के तहत अन्यथा अयोग्य (निरर्हित) नहीं है,निर्वाचक नामावली में पंजीकृत होने का हकदार होगा।
  • संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार राज्य में 01.07.2025 को अर्हक तिथि मानते हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निदेश दिया है।
  • बिहार में पिछला गहन पुनरीक्षण आयोग द्वारा वर्ष 2003 में 01.01.2003 को अर्हक तिथि मानते हुए किया गया था।

यह क्यों आवश्यक है?

•स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए निर्वाचक नामावली (ईआर) की सत्यनिष्ठा बनाए रखना आवश्यक है

  • यह सुनिश्चित करना कि सभी पात्र नागरिक निर्वाचक नामावली में शामिल हों और कोई भी पात्र मतदाता निर्वाचक नामावली से बाहर न हो
  • यह सुनिश्चित करना कि कोई भी अपात्र मतदाता निर्वाचक नामावली में शामिल न हो
  • मृत/स्थानांतरित/अनुपस्थित मतदाताओं के नाम हटाना

कैसे किया जा रहा है?

  • ईआरओ आदेश की तिथि तक सभी मौजूदा निर्वाचकों के लिए पहले से भरे हुए गणना फॉर्म (Enumeration Form-EF) को प्रिंट कर रहे हैं और इसे बीएलओ को दे रहे हैं
  • बीएलओ घर-घर जाकर सभी मौजूदा निर्वाचकों को ईएफ वितरित कर रहे हैं
  • ईएफ आयोग की वेबसाइट/ईसीआई-नेट पर उपलब्ध है जिसे कोई भी निर्वाचक डाउनलोड कर सकता है जिसका नाम आदेश की तिथि को निर्वाचक नामावलियों में मौजूद है
  • सभी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बीएलए पूरी प्रक्रिया में सहभागी (शामिल) होंगे
  • बीएलओ ईएफ भरने के बारे में लोगों का मार्गदर्शन करेंगे
  • सीईओ/डीईओ/ईआरओ/बीएलओ यह ध्यान रखेंगे कि वास्तविक निर्वाचकों, विशेषकर वृद्ध, बीमार, दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी), गरीब और अन्य कमजोर समूहों को परेशान न किया जाए और उन्हें वॉलंटियर्स की तैनाती के माध्यम से यथासंभव सुविधा प्रदान की जाए।
  • बीएलओ जनता से आवश्यक दस्तावेजों के साथ ईएफ एकत्र करेंगे
  • वैकल्पिक रूप से, मौजूदा निर्वाचक भी ईएफ और दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं
  • बीएलओ पर्यवेक्षक बीएलओ के गुणात्मक और मात्रात्मक आउटपुट की जांच करेंगे
  • उन सभी निर्वाचकों की ड्राफ्ट निर्वाचक नामावली तैयार की जाएगी, जिनके ईएफ प्राप्त हो चुके हैं
  • ड्राफ्ट निर्वाचक नामावली की प्रतियां सभी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएंगी और ईसीआई/सीईओ की वेबसाइट पर भी डाली जाएंगी
  • किसी भी निर्वाचक या किसी भी राजनीतिक दल द्वारा किन्हीं भी नामों को जोड़ने/हटाने के लिए दावे और आपत्तियां दायर की जा सकती हैं
  • एईआरओ किसी भी पात्र व्यक्ति के नाम हटाए जाने या किसी भी अपात्र व्यक्ति को शामिल करने की किसी भी शिकायत की जांच करेगा
  • दावों और आपत्तियों पर निर्णय के बाद, ईआरओ द्वारा अंतिम निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जाएगी
  • अंतिम निर्वाचक नामावली की प्रतियां सभी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएंगी और ईसीआई/सीईओ की वेबसाइट पर भी डाली जाएंगी
  • अधिनियम की धारा 24 के तहत, ईआरओ के आदेश के विरुद्ध प्रथम अपील जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष तथा द्वितीय अपील मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष भी की जा सकती है।

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) से संबंधित महत्वपूर्ण निर्देश (जन सामान्य की जानकारी हेतु) निम्नवत हैः-

  1. घर-घर गणना (House to House Enumeration) से संबंधित प्रक्रियाः
  • बी०एल०ओ० प्रत्येक घर जाकर पहले से भरे हुए एन्यूमरेशन फॉर्म (दो प्रतियों में) वितरित करेंगे और उन्हें भरने में मतदाताओं का मार्गदर्शन करेंगे।
  • बी०एल०ओ० कम से कम तीन बार दोबारा जाकर फॉर्म संग्रह करने का प्रयास करेंगे।
  • इच्छुक मतदाता प्री-फिल्ड एन्यूमरेशन फॉर्म को ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं तथा भरा हुआ फॉर्म और दस्तावेज भी ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं।
  • हर मतदाता को यह फॉर्म आवश्यक जानकारी व स्वप्रमाणित दस्तावेजों के साथ भरकर बी०एल०ओ० को देना होगा।
  • बी०एल०ओ० द्वारा फॉर्म जमा करने के बाद, एक प्रति अपने पास रखी जाएगी और दूसरी प्रति पर स्वीकृति की रसीद देकर वह मतदाता को लौटा दी जाएगी।
  • ऑनलाइन फॉर्म भरने वालों के दस्तावेजों का सत्यापन भी घर पर होगा। यदि किसी मतदाता ने ऑनलाइन माध्यम से फॉर्म और दस्तावेज अपलोड किए हैं, तो बीएलओ उनके घर जाकर दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे।
  • बी०एल०ओ० द्वारा प्राप्त फॉर्म और संलग्न दस्तावेज BLO/ECINet मोबाइल ऐप के माध्यम से अपलोड किए जाएंगे और फिर संबंधित ईआरओ/एईआरओ को रिकॉर्ड हेतु जमा किए जाएंगे।
  1. प्रारूप निर्वाचक नामावली (Draft Roll) का प्रकाशनः
  • प्रारूप मतदाता सूची में उन्हीं मतदाताओं के नाम शामिल किए जाएंगे जिन्होंने हाउस-टू-हाउस सर्वे के दौरान फॉर्म जमा किए हैं या जिन्होंने फॉर्म ऑनलाइन जमा करवा दिए हैं और जिन्हें बीएलओ द्वारा सत्यापित किया गया है।
  • जिन मतदाताओं ने समय पर फॉर्म नहीं जमा किया, उनके नाम प्रारूप सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे।
  1. फॉर्म समय पर जमा न करने वाले मतदाताओं के लिए विकल्पः
  • यदि कोई मतदाता समय पर एन्यूमरेशन फॉर्म जमा नहीं कर पाता है, तो वह दावा-आपत्ति अवधि के दौरान फॉर्म-6 और घोषणा पत्र (Annexure D) के साथ नाम जोड़ने हेतु आवेदन कर सकता है।
  1. अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
  • न्यायपालिका के सदस्य, जनप्रतिनिधि, घोषित पदधारक और कला, संस्कृति, पत्रकारिता, खेल व लोक सेवा क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तियों के नाम प्रारूप मतदाता सूची में सम्मिलित किए जाएंगे, ताकि आवश्यक दस्तावेज दावा-आपत्ति के दौरान लिए जा सकें।
  • प्रारूप प्रकाशन की सूचना (Form-5) के साथ ही अगले अर्हता तिथि के लिए (1 अक्टूबर, 2025) अग्रिम आवेदन भी आमंत्रित किए जाएंगे।
  1. दावा-आपत्ति अवधि में पात्रता का गंभीर परीक्षण होगाः
  • प्रारूप सूची के प्रकाशन के बाद, सभी प्रस्तावित मतदाताओं की पात्रता की जांच अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 व 19 के आधार पर की जाएगी।
  • यदि ई०आर०ओ०/ए०ई०आर०ओ० को किसी मतदाता की पात्रता पर संदेह होता है (प्रमाणपत्र की अनुपलब्धता आदि के कारण), तो स्वतः संज्ञान लेकर जांच शुरू की जाएगी और संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी किया जाएगा।
  1. अपील की व्यवस्था उपलब्धः
  • यदि ERO/AERO ने जाँच कर यह पाया कि प्रारूप सूची में शामिल कोई नाम मतदाता बनने के योग्य नहीं है, तो वह नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
  • यदि कोई व्यक्ति ERO द्वारा नाम हटाए जाने के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24(क) के तहत निर्वाचक पंजीकरण अधिनियम, 1960 के नियम 27 के अंतर्गत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रथम अपील कर सकते हैं।
  • यदि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए निर्णय से कोई मतदाता असहमत होता है, तो वह द्वितीय अपील मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) के समक्ष कर सकता है। यह प्रक्रिया निर्वाचक नियमावली, 1960 के नियम 27 के तहत निर्धारित है।
  1. निगरानी और जाँचः
  • प्रत्येक BLO सुपरवाइजर अपने अधीनस्थ 10 BLO में से प्रत्येक के 10 प्रतिशत कार्य का सत्यापन करेंगे।
  • ERO नियमित रूप से AERO, BLO सुपरवाइजर और BLO के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो कि कार्य सतही न हो और लापरवाह पदाधिकारियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई की जाए।
  • रोल ऑब्जर्वर द्वारा 250 फॉर्म (100 नाम जोड़ने, 100 हटाने, 50 सुधार) की सुपरचेकिंग की जाएगी, जिसमें से कम से कम 50 फॉर्म का फील्ड वेरिफिकेशन अनिवार्य है।
  1. बी०एल०ओ० एवं पदाधिकारियों का प्रशिक्षणः
  • भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण के आलोक में नई IT सुविधाओं, मॉड्यूल्स और ऑनलाइन फॉर्म प्रक्रिया की जानकारी हेतु सभी पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। बी०एल०ओ०, ई०आर०ओ०, ए०ई०आर०ओ० सहित संबंधित अधिकारियों को नवीनतम तकनीकी प्रणालियों का प्रशिक्षण सभी विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक कार्यो से जुड़े प्रत्येक पदाधिकारी एवं कर्मी को दिया गया है ताकि निर्वाचन कार्यों का ससमय सटीक संपादन किया जा सके।
  1. परिवारवार क्रमबद्धता (Family Grouping)ः
  • मतदाता सूची में एक ही परिवार के सदस्यों को क्रमबद्ध रूप में दर्शाया जाएगा। जहाँ पंचायत या नगरपालिका द्वारा घर संख्या नहीं दी गई है, वहाँ कल्पित (notional) घर संख्या अंकित की जाएगी और स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा कि यह अनुमानित है। मतदाता सूची में उल्लिखित पता विवरण हू-ब-हू मतदाता पहचान पत्र (EPIC) में भी प्रतिबिंबित किया जाएगा।
  1. राजनीतिक दलों के साथ समन्वयः
  • राजनीतिक दलों से हर मतदान केंद्र के लिए बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है, जो BLO के साथ पुनरीक्षण कार्य में सहयोग करेंगे।
  • CEO ECINet से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर दावा-आपत्ति के निष्पादन की रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे, ताकि आम नागरिकों को जानकारी मिल सके।
  • फॉर्म-6, 6क, 7, और 8 के तहत प्राप्त सभी आवेदन CEO की वेबसाइट पर प्रतिदिन अपडेट किए जाएंगे।
  • CEO द्वारा प्रारूप मतदाता सूची, अंतिम मतदाता सूची,तथा दावा-आपत्तियों की सूची वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी और राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएगी।
  • CEO यह सुनिश्चित करेंगे कि SIR का कार्यक्रम मीडिया, राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों एवं RWA (रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) तक विधिवत रूप से पहुँचाया जाए।
  1. SIR कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसारः
  • SIR का पूरा कार्यक्रम विवरण के साथ प्रकाशित किया गया है।
  • राजनीतिक दलों के साथ समय-समय पर बैठकें आयोजित की जाएंगी।
  • प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें जनता से दावा-आपत्तियाँ दर्ज कराने की अपील की जाएगी।
  • मतदाता सूची का प्रारुप एवं अंतिम प्रकाशन होने पर जनता को विज्ञापन के माध्यम से जानकारी दी जाएगी कि और यदि आवश्यक हो तो अपील कैसे करें, इसकी जानकारी दी जायेगी।
  1. अंतिम मतदाता सूची का स्वरूपः
  • ERO यह सुनिश्चित करेंगे कि अंतिम मतदाता सूची ड्राफ्ट सूची और SIR के दौरान हुए परिवर्तनों का समेकन हो।
  • अंतिम मतदाता सूची में SIR के दौरान किए गए सभी जोड़, संशोधन और विलोपन शामिल होंगे।
  • संशोधित/हटाई गई प्रविष्टियों को उनके पुराने क्रमांक (Sl- No.) के सामने ही अपडेट करके दर्शाया जाएगा।
  • अंतिम मतदाता सूची को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाएगा और CEO की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा।
  1. निर्वाचन के दौरान मतदाता सूची का प्रयोगः
  • नामांकन की अंतिम तिथि पर प्रत्याशियों को जो मतदाता सूची दी जाएगी, वह एकीकृत और अद्यतन सूची होगी।

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