पंचायत विकास निधि से मुखिया ने कराया एचडब्ल्यूसी का सौंदर्यीकरण व आधारभूत सुविधा बहाल

अररिया, रंजीत ठाकुर अररिया में स्थानीय नेतृत्व व सामुदायिक सहभागिता विकास के नये आयाम स्थापित कर सकता है। जिले के फारबिसगंज प्रखंड अंतर्गत हरीपुर एचडब्ल्यूसी हाल ही में राज्यस्तरीय एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त करने में सफल रहा है। जो पंचायत के मुखिया की दूरदर्शिता व सक्रिय भागीदारी का परिणाम माना जा रहा है। हरीपुर में स्वास्थ्य सेवाओं के बदलाव की कहानी प्रेरणादायक होने के साथ-साथ ग्रामीण विकास का एक आदर्श उदाहरण है। हरीपुर एचडब्ल्यूसी की महत्वपूर्ण उपलब्धि यह दर्शाता है कि यदि समुदाय व नेतृत्व मिलकर कार्य करें तो कठिन लक्ष्य भी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

स्वास्थ्य मामलों के प्रति किया लोगों को जागरूक-

हरीपुर एचडब्ल्यूसी में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पूर्व में बेहद चिंताजनक थी। गांव की महिला सावित्री देवी बताती हैं कि पहले हमें छोटी-छोटी समस्या होने पर भी इलाज के लिये शहर जाना पड़ता था। लेकिन अब हमारे पंचायत में ही सभी जरूरी सुविधा उपलब्ध हो जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले न तो न तो समय पर लोगों को आवश्यक दवाएं मिलती थी और न हीं केंद्र पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी ही मौजूद रहते थे। महत्वपूर्ण सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं की इलाके में पहुंच सीमित थी। लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए पंचायत के मुखिया परमांनद ऋषिदेव ने इस स्थिति को बदलने की ठानी। मुखिया जी ने पंचायत में जागरूकता अभियान चलाकर स्वास्थ्य संबंधी मामलों के प्रति लोगों को संगठित करने का प्रयास किया। स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर उन्होंने एचडब्ल्यूसी पर आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण, व कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर जोर दिया स्वास्थ्य शिविर में भाग लेने व लोगों को अपना नियमित स्वास्थ्य जांच कराने के लिये प्रेरित किया।

संस्थान के प्रति लोगों का बढ़ा है विश्वास-

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मुखिया परमानंद ऋषिदेव के प्रयासों से एचडब्ल्यूसी के ओपीडी में मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई। प्रत्येक महीने ओपीडी में 600 से अधिक मरीज इलाज के लिये पहुंच रहे हैं। इसमें करीब 150 लोग अस्पताल फॉलोअप के लिये पहुंच रहे हैं। बीते सितंबर माह में जहां एचडब्ल्यूसी में सामान्य प्रसव के 30 मामले निष्पादित किये गये। वहीं अक्टूबर में इसकी संख्या 36 रही। पंचायत की 42 फीसदी से अधिक गर्भवती महिलाओं का सभी जरूरी चार एएनसी जांच हो रहा है। तो समय पर स्वास्थ्य कर्मी व जरूरी दवाएं उपलब्ध होने से संस्थान के प्रति लोगों का विश्वास भी कई गुणा बढ़ चुका है।

एनक्वास प्रमाणीकरण में मुखिया की भागीदारी सराहनीय
एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त करना किसी स्वास्थ्य केंद्र के लिये बड़ी उपलब्धि है। नेशनल क्वालिटी असेस्मेंट स्टैंडर्ड यानी एनक्वास प्रमाणीकरण किसी स्वास्थ्य संस्थान के स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, स्वच्छता व प्रबंधन की उत्कृष्टता को दर्शाता है। एचडब्ल्यूसी के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में मुखिया परमानंद ऋषिदेव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पंचायत विकास मद से अस्पताल परिसर में बने गड्ढे का समतलीकरण कराया, परिसर में एक बड़े आकार के योगासन चबुतरा, एचडब्ल्यूसी का आकर्षक प्रवेश द्वार के साथ साथ संस्थान के सौंदर्यीकरण व जलजमाव की समस्या से स्वास्थ्य कर्मी व स्थानीय ग्रामीणों को निजात दिलाने के लिये उन्होंने पूरे अस्पताल परिसर में पेभर ब्लॉक लगवाया। केंद्र के बुनियादी ढांचें को मजबूत बनाने व गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में उन्होंने हर संभव मदद की।

महिलाएं व बच्चों को सेवाओं का लाभ दिलाने का किया प्रयास

हरीपुर के मुखिया परमानंद ऋषिदेव ने कहा कि एनक्वास प्रमाणीकरण एक टीम प्रयास का नतीजा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मियों का इसमें अहम योगदान है। हमनें सिर्फ यह प्रयास किया कि गांव की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर हो और हर व्यक्ति खासकर महिलाएं, बच्चे आसानी से इन सेवाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि आगे हमारा प्रयास होगा कि हरीपुर एचडब्ल्यूसी एक मॉडल बने, जहां हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो।
हरीपुर की कहानी अन्य पंचायतों के लिये प्रेरणास्पद
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि हरीपुर एचडब्लयूसी ने जो उपलब्धि हासिल की है । वह पंचायत के मुखिया, स्वास्थ्य कर्मी, स्थानीय समुदाय के समर्पण का नतीजा है। मुखिया जी का सक्रिय नेतृत्व व उनकी पहल इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने में बेहद मददगार साबित हुआ है। हरीपुर की सफलता अन्य पंचायतों के लिये भी प्रेरणादायक है।

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