डैम के जीर्णोद्धार को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, सांसद, मंत्री के खिलाफ जताया आक्रोश

जमुई, मो.अंजुम आलम। जिले का चरैया डैम कई वर्षों से अपनी बदहाल अवस्था पर आंसू बहा रहा है। यह वही डैम है जिसका निर्माण 1972 ईस्वी में किया गया था। उस वक्त एक दर्जन गांवों के किसान के खेतों की प्यास चरैया डैम से बुझती थी लेकिन आज वही डैम वर्ष 1999 से पूरी तरह ध्वस्त पड़ा हुआ है। मामले में रविवार की शाम ग्रामीणों ने चरैया डैम के जीर्णोद्धार की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और सांसद, मंत्री, विधायक व नेता के खिलाफ आक्रोश जताया। साथ ही सांसद और मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

ग्रामीणों ने बताया कि 1999 के बाद से अब तक करीब 24 वर्ष हो चुके हैं और 24 वर्षों से यह चरैया डैम ध्वस्त पड़ा हुआ है। जिसको देखने वाला कोई नहीं है। कई बार सांसद, मंत्री, विधायक से लेकर पदाधिकारीयों को आवेदन दिया गया, लेकिन अब तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आवेदन दे देकर सभी ग्रामीण थक हार चुके हैं। डैम का जीर्णोद्धार नहीं होने की वजह से करीब 2000 एकड़ से अधिक जमीन पर खेती नहीं हो पा रही है। यह डैम करीब साढ़े तीन सौ एकड़ में फैला हुआ है।

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24 वर्षों में कई सांसद ,कई मंत्री ,कई विधायक व कई पदाधिकारी बदल चुके हैं, लेकिन यह डैम ज्यों का त्यों बदहाल अवस्था में पड़ी हुई है। इसलिए ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है कि इस बार आने वाले लोकसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार करेंगे और किसी भी नेता मंत्री को गांव प्रवेश करने नहीं देंगे। आगे ग्रामीणों ने बताया कि इसको लेकर सोमवार को जिलाधिकारी को भी आवेदन देकर डैम की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। हालांकि ग्रामीणों ने सांसद और मंत्री पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं।

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