बिना प्रभारी के ही चल रही है विद्यालय समय के 10:15 पर खुले ताला 12:30 पर हुए शिक्षक शिक्षिका फरार


आजमनगर(भगत/मुकेश सिंह): प्रखंड क्षेत्र के केलाबारी पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय केलाबारी की का स्थिति इतनी दयनीय होती जा रही है जो कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय पशु के चारा गाह में विलीन होते जा रहा है विद्यालय की समस्या बीते शनिवार जो कि प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार के द्वारा विद्यालय की कार्यभार 25/3 /2023 रोज से 31/3/ 2023 तक विद्यालय का प्रभार सहायक शिक्षक आनंद कुमार सिंह को दिया गया और आदेश पुस्तिका में संजय कुमार के द्वारा यह भी दर्शाया गया कि मुझे आने तक विद्यालय का संचालक का कार्यभार आनंद कुमार सिंह संभालेंगे परंतु आनंद कुमार सिंह कार्यभार लेकर खुद को फरार साबित रहे

जो कि बीते शनिवार विद्यालय कि ताला 11:15 पर खोला गया और 12:30 बजे ताला बंद कर सभी शिक्षक शिक्षिका फरार साबित हो गए यह सब समस्या को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया ग्रामीणों के द्वारा यह भी साबित किया गया कि सरकार के नियमों का धज्जियां उड़ा रही है शिक्षक शिक्षिका सरकार तो एक तरफ बड़ा बड़ा मोहिम चलाया जा रहा है नियम तो यह है कि शनिवार के रोज 9:00 विद्यालय खोलना है और 1:30 बजे बंद कर देना लेकिन वह मनमानी शिक्षक शिक्षिका ने ना तो समय पर विद्यालय खोलना और ना ही समय पर विद्यालय बंद करना और अपना अटेंडेंस शीट पर 9:00 बजे प्रजेंट का हाजिरी बना लेना यह कहां की बात है

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इस मामला के बाबत सोमवार को विद्यालय के प्रधानाध्यापक से विद्यालय की समस्या को लेकर जानकारी दिया गया तो प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार साफ शब्दों में कहा कि मैं तो विद्यालय के प्रभार आनंद कुमार सिंह को दिया था लेकिन इस समस्या के बारे में मैं साफ कर देता हूं कि जो भी विद्यालय में गलतियां हुई है काफी नंदिनी है और प्रभार सहायक शिक्षक आनंद कुमार सिंह ,मोहम्मद सलमा, शिक्षिका निराशा कुमारी, संगीता मंडल, हेमा कुमारी यह सभी बीते शनिवार के रोज के रोज विद्यालय ना तो समय पर खोले ना ही समय पर बंद किए और विद्यालय से रफूचक्कर होकर अपनी मनमानी तानाशाही दिखाने लगे

यह सब बातों को लेकर सोमवार के रोज जब पत्रकार विद्यालय पहुंचे तो सहायक शिक्षक आनंद कुमार सिंह एवं शिक्षिका हेमा कुमारी कैमरे पर बाइट देने के वजह से सीएल ले ली थी यह तो देखने की बात यह है कि खबर चलने के बाद शिक्षा पदाधिकारी ने क्या संज्ञान ले रहे हैं। चप्पल खलीफा चलते हैं उक्त बातों को लेकर छात्राएं एवं उनके अभिभावक तथा विद्यालय के अध्यक्ष एवं सचिव काफी आक्रोश प्रकट किए और कहे कि यह नीति रही तो विद्यालय विद्या का मंदिर है लेकिन इस मंदिर को ध्वस्त करने पर विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिका अपने दायित्व को निभा रहे हैं

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