टीबी से बचाव के बच्चों को बीसीजी का टीका लगाना जरूरी

अररिया, रंजीत ठाकुर। टीबी एक संक्रामक रोग है। जो किसी को भी आसानी से अपना शिकार बना सकता है। व्यस्कों की तुलना में छोटे बच्चों में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता काफी कम होता है। उचित पोषाहार नहीं मिलने पर बच्चे पहले ही शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं। लिहाजा ऐसे बच्चे आसानी से टीबी संक्रमण के शिकार बन जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें बच्चों में लक्षणों के आधार पर टीबी की पहचान व इसका उपचार दोनों ही बेहद चुनौतीपूर्ण होता है।

उम्र के हिसाब से बच्चों का विकास ना होना, भूख नहीं लगना, वजन कम होना, अधिक खांसी, बुखार, रात में सोते समय पसीना आने जैसे बच्चों को होने वाली किसी परेशानी की अनदेखी नहीं किया जाना चाहिये। बच्चों में होने वाली समस्या टीबी के लक्षण हो सकते हैं। लिहाजा ऐसे बच्चों को तत्काल नजदीक अस्पताल में जरूरी जांच व इलाज जरूरी होता है। इसमें किसी तरह की अनदेखी से बच्चे असमय मौत के शिकार हो सकते हैं।

कुपोषित बच्चों को टीबी संक्रमण का खतरा अधिक

सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंहं ने बताया कि कुपोषित बच्चे टीबी का जल्दी शिकार हो जाते हैं। यदि बच्चे को दो सप्ताह या इससे अधिक समय से लगातार खांसी हो रही हो तो जांच जरूरी करा लें। उन्होंने बताया कि बच्चों टीबी के अधिकांश मामले फेफडों की टीबी से जुड़े होते हैं। हालांकि टीबी नाखून व बाल को छोड़ कर शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। बच्चों में टीबी बीमारी का पता तुरंत नहीं लग पाता है। बच्चे अपनी समस्या किसी को बता नहीं पाते। हाल के दिनों में बच्चों में टीबी संक्रमण के मामले बढ़े हैं। लिहाजा इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।

बच्चों के समुचित पोषण का रखें ध्यान

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जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि टीबी एक बेहद संक्रामक रोग है। जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने व झींकने से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। स्वस्थ बच्चे भी जब संक्रमित व्यक्ति की चपेट में आते हैं। तो संक्रमण के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में कुपोषित बच्चों के संक्रमित होने का खतरा तो और अधिक बढ़ जाता है। इसलिये ये जरूरी है कि वैसे व्यक्ति जिन्हें बार-बार खांसी व झींक की शिकायत हो वैसे व्यक्ति से बच्चों को दूर रखना जरूरी है। इसके साथ ही बच्चों को उचित पोषाहार का सेवन कराना भी जरूरी है। ताकि बच्चों को टीबी सहित किसी अन्य बीमारी की चपेट में आने से बचाया जा सके।

बच्चों को अवश्य लगायें बीसीजी का टीका

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मोईज ने कहा कि टीबी संक्रमण से बचाव के लिये बच्चों को बीसीजी का टीका लगाना जरूरी है। इससे बच्चों के टीबी संक्रमित होने का खतरा काफी कम होता है। बीसीजी का टीका बच्चों को जन्म तत्काल बाद लगाना जरूरी है। बीसीजी का टीका जिले के सभी अस्पतालों में नि:शुल्क लगाया जाता है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न संचारी व गैर संचारी रोगों से बचाव के लिये बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण काफी महत्वपूर्ण है। साथ ही बच्चों के समुचित पोषण पर ध्यान देना जरूरी है। जो बच्चों के सर्वांगीण मानसिक व शारीरिक विकास में अहम भूमिका अदा करता है। लक्षण दिखने पर बच्चों का तत्काल इलाज करायें और टीबी रोधी दवा का पूरा कोर्स जरूरी करायें। इससे टीबी की बीमारी से पूर्णत: निजात पाना संभव है।

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