तीन दिवसीय एफ०ई०टी०पी० आईकान अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
यूपी(संजय कुमार तिवारी): राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन, सेंटर फ़ॉर डिजीज कंट्रोल अमेरिका, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एपिडेमियोलॉजी चेन्नई, तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से वाराणसी स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में फील्ड एपिडेमियोलॉजी एवं जन स्वास्थ्य से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर तीन दिवसीय एफ०ई०टी०पी० आईकॉन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है |
इस सम्मेलन में दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में कार्यरत फील्ड एपिडेमियोलॉजिस्ट एवं जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा, इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्घाटन दिनांक 22 फरवरी को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ भारती प्रवीण पवार द्वारा किया गया सम्मेलन में निति आयोग के सदस्य डॉ० विनोद कु० पाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के भारत में प्रतिनिधि डॉ० रोडेरिको एच० ओफ्रिन, सी०डी०सी अमेरिका के राष्ट्रीय प्रतिनिधि डॉ० मेघना देसाई, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव श्री पार्थसारथी सेन शर्मा तथा भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय के महा निदेशक डॉ० अतुल गोयल तथा जन स्वास्थ्य से सम्बंधित देश के विभिन्न राज्यों से आए विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभाग किया गया |
कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारत सरकार द्वारा किया गया, इस कार्यक्रम में 100 से अधिक जन स्वास्थ्य से संबंधित विषयों पर विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधि अपना प्रस्तुतीकरण करेगें | उक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में बलिया जनपद में कोविड के विगत 3 लहरों से सम्बंधित विश्लेषण का प्रस्तुतीकरण बलिया के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ अभिषेक मिश्रा द्वारा किया गया,
अपने प्रस्तुतीकरण में उन्होंने बताया की कोविड के तीनों लहर का तुलनात्मक अध्ययन करने पर प्रकाश में आया है कि बलिया में कोविड की पहली लहर मई 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक रही जिसमें बलिया के ग्रामीण अंचल से 85% मरीज संसूचित हुए, इस दौरान बलिया के कुल 2,47,097 कोविड सैम्पलों की जाँच कि गई जिसमें 8007 सैंपल कोविड हेतु धनात्मक पाए गए |
बलिया में कोविड की दूसरी लहर मार्च 2021 से जून 2021 के बीच रही जिसमें 98 दिनों के बीच कोविड के 13,461 मरीज प्रकाश में आए, इस दौरान बलिया के लगभग 3,10,889 कोविड सैम्पल की जाँच की गई | अपने प्रस्तुतीकरण में डॉ० अभिषेक ने बताया कि बलिया में कोविड की पहली एवं दूसरी लहर कि तुलना में दिसंबर 21 से फ़रवरी 22 तक रही कोविड की तीसरी लहर तुलनात्मक रूप से कम तीव्र रही इस दौरान जनपद की सैम्पल पोजिटिविटी रेट 0.007 रहा तथा कुल जाचे गए 1,51,474 सैम्पल में से 1082 सैम्पल ही इस दौरान धनात्मक पाए गए |
उन्होंने बताया कि कोविड की तीसरी लहर में कुल धनात्मक मरीजों में 12%, 15 वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चे थे जो कि कोविड के पहले दोनों लहरों की तुलना में सर्वाधिक थे | अगर मृत्यु दर की बात करें तो कोविड की दूसरी लहर में सर्वाधिक मृत्यु दर 21.7 प्रति 1000 व्यक्ति थी |
कोविड के तीनों लहरों में जनपद का सर्वाधिक प्रभावित ब्लाक हनुमानगंज रहा तथा मृतकों में सर्वाधिक गंभीर रोगों से ग्रसित 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति पाए गए | तीन दिनों तक चलने वाली इस अंतररास्ट्रीय सम्मलेन में भारत में फील्ड एपिडेमियोलॉजी प्रशिक्षण के सुदृढ़ीकरण पर विशेषज्ञों द्वारा बल दिया गया, सम्मेलन का समापन दिनांक 24 फ़रवरी को होगा |