प्रत्येक तीन महीने में विद्यालयों में आयोजित होता है अनीमिया जांच कैम्प

पूर्णिया, (खौफ 24) अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु पूर्णिया जिले के के.नगर प्रखंड में संचालित मध्य विद्यालय गोआसी, बालिका उच्च विद्यालय सतकोदरिया, मध्य विद्यालय सोंसा एवं मध्य विद्यालय गंगेली, नया टोला में उपस्थित विद्यार्थियों की काउंसलिंग करते हुए T3 जांच कैम्प आयोजित किया गया। इस दौरान उपस्थित विद्यार्थियों की स्वास्थ्य विभाग के. नगर में गठित टीम द्वारा जांच की गई। इसमें स्वास्थ्य विभाग के प्रखंड स्तरीय अधिकारियों के साथ—साथ स्थानीय क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों एवं पिरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीड अवधेश कुमार द्वारा तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई गई। गुरुवार को आयोजित जांच में के नगर प्रखंड के सीएचओ जितेंद्र कुमार, जीतू कुमार के साथ साथ एएनएम रानी कुमारी, अनिता कुमारी, अंजली भारती, प्रियंका कुमारी, लैब टेक्नीशियन विवेक कुमार सहित सभी स्कूल के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों द्वारा आवश्यक सहयोग प्रदान किया गया।

अनीमिया ग्रसित बच्चों को उपलब्ध कराई जाती है आयरन की गोली

के. नगर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भास्कर प्रसाद सिंह ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के निर्देश पर प्रत्येक विद्यालय में क्रमबद्ध तरीके से T3 कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान उपस्थित बच्चों की एक बूंद खून लेकर उसमें हीमोग्लोबिन स्तर की जानकारी प्राप्त की जा रही है। जांच के बाद बच्चों के खून में हीमोग्लोबिन स्तर 11 से अधिक होने पर उसे अनीमिया से सुरक्षित माना जाता है जबकि 11 से 09 हीमोग्लोबिन स्तर वाले बच्चों को अनीमिया ग्रसित, 09 से 07 हीमोग्लोबिन स्तर वाले बच्चों को गंभीर और 07 से कम हीमोग्लोबिन स्तर वाले बच्चों को गंभीर अनीमिया ग्रसित माना जाता है। जांच के बाद गंभीर व अतिगंभीर अनीमिया ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए बच्चों को उम्र के अनुसार अनीमिया से सुरक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। अनीमिया ग्रसित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयरन की नीली एवं गुलाबी गोली प्रदान किया जाता है। इन गोलियों का लगातार सेवन करने के साथ साथ ग्रसित बच्चों द्वारा आवश्यक पौष्टिक आहार का सेवन करने पर वे अनीमिया से सुरक्षित हो सकते हैं।

प्रत्येक तीन महीने में विद्यालयों में आयोजित होता है अनीमिया जांच कैम्प :

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के. नगर प्रखंड की बीएचएम निशि श्रीवास्तव ने बताया कि अनीमिया मुक्त अभियान के तहत अनीमिया ग्रसित बच्चों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुदाय स्तर पर स्कूल में कैम्प आयोजित कर बच्चों का जांच सुनिश्चित किया जा रहा है। के.नगर प्रखंड में इसके तहत कुल 13 विद्यालयों में T3 शिविर आयोजित किया जा चुका है। इसमें अनीमिया से ग्रसित बच्चों की पहचान कर उन्हें आयरन फोलिक एसिड की नीली एवं गोलाबी गोलियां उपलब्ध कराई जा रही है। सभी विद्यालयों में प्रत्येक तीन महीने में कैम्प आयोजित कर ग्रसित बच्चों की जांच करते हुए उन्हें अनीमिया से सुरक्षित रखना सुनिश्चित किया जा रहा है। अनीमिया ग्रसित बच्चों को आयरन फोलिक एसिड की गोलियों के साथ साथ घर में आवश्यक पौष्टिक आहार का सेवन करने की जानकारी दी जाती है। ग्रसित बच्चों के परिजनों को भी बच्चों में अनीमिया के स्तर की जानकारी दी जाती है। किसी तरह की समस्या होने पर उन्हें नजदीकी अस्पताल में चिकित्सकीय सहायता लेने की जानकारी दी जाती है। इसका उपयोग कर सभी लोग अनीमिया से सुरक्षित हो सकते हैं।

उम्र के अनुसार बच्चों को उपलब्ध कराई जाती है आयरन की गोली :

पिरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीड अवधेश कुमार ने बताया कि T3 कैम्प का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों में अनीमिया स्तर का पता लगाते हुए निश्चित समय में उन्हें आवश्यक चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराना और स्थानीय लोगों को अनीमिया के प्रति जागरूक करना है। स्कूलों में 05 वर्ष से 09 वर्ष तक के बच्चों को अनीमिया ग्रसित पाए जाने पर उन्हें आयरन की एक गुलाबी गोली 02 महीने तक और 10 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को अनीमिया ग्रसित पाए जाने पर आयरन की 02 नीली गोली 03 महीने तक के लिए उपलब्ध कराई जाती है। सभी बच्चों को आयरन की गोली तीन महीने तक प्रदान किया जाता है। उसके बाद सम्बंधित बच्चों की पुनः जांच की जाती है जिसके बाद उपलब्ध स्थिति के अनुसार उन्हें चिकित्सकीय सहायता प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि गम्भीर अनीमिया ग्रसित बच्चों की पहचान होने पर उन्हें तत्काल नजदीकी अस्पताल भेजा जाता है जहां बच्चों को आवश्यक मेडिसिन के साथ अन्य चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

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