फाइलेरिया मरीजों द्वारा लोगों को जांच करवाने के लिए किया जा रहा जागरूक

पूर्णिया, (खौफ 24) 05 जुलाई सामान्य लोगों को फाइलेरिया ग्रसित होने से पहले ही पहचान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 28 जून से 06 जुलाई तक जिले के सभी प्रखंडों में नाईट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसमें स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सभी प्रखंडों के चिन्हित क्षेत्रों में रात 08 बजे से 12 बजे तक कैम्प लगाकर स्थानीय लोगों का ब्लड सैंपल इकट्ठा किया जा रहा है।‌जिसकी संबंधित प्रखंड में माइक्रोस्कोप से जांच करते हुए लोगों के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु होने की पहचान की जा रही है। खून जांच में फाइलेरिया कीटाणु की पहचान होने पर संबंधित व्यक्ति को तत्काल चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सके।

फाइलेरिया मरीजों द्वारा लोगों को जांच करवाने के लिए किया जा रहा जागरूक :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि नाईट ब्लड सर्वे में सामान्य लोगों को जांच करवाने के लिए फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों द्वारा भी सहयोग प्रदान किया जा रहा है। फाइलेरिया से ग्रसित लोगों के प्रभावित अंगों को नियंत्रित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के तीन प्रखंड पूर्णिया पूर्व ग्रामीण, कसबा और के.नगर में पेशेंट सपोर्ट ग्रुप संचालित किया जा रहा है जिसके माध्यम से संबंधित क्षेत्र के फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को समय समय पर चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराते हुए फाइलेरिया ग्रसित अंगों को नियंत्रित रखने के लिए एमएमडीपी किट्स का आवश्यक उपयोग करने और नियमित एक्सरसाइज करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

इसका उपयोग करने से ग्रसित मरीजों को एक्यूट अटैक की संभावना खत्म हो जाती है और वे अपना फाइलेरिया ग्रसित अंग को सुरक्षित रख सकते हैं। फाइलेरिया ग्रसित मरीजों द्वारा उनके जैसी बीमारी दूसरे लोगों को नहीं हो सके इसलिए नाईट ब्लड सर्वे में भाग लेकर उन्हें शरीर में उपलब्ध फाइलेरिया कीटाणु की पहचान कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। पूर्णिया पूर्व प्रखंड के अंतर्गत संचालित पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्य टुमनी देवी ने कहा कि उन्हें फाइलेरिया ग्रसित होने की जानकारी पांव में सूजन होने के बाद पता चला। उसके बाद बहुत जगह इलाज कराई लेकिन उसका कोई विशेष लाभ नहीं मिला। सभी का कहना है कि यह बीमारी अब हमारे शरीर में जीवन के अंत तक रहेगा। ऐसी बीमारी किसी और को नहीं हो इसके लिए सभी को जांच करवाने की जरूरत है।जांच करवाने से लोग बीमार होने से पहले ही फाइलेरिया कीटाणु की पहचान कर इसको खत्म कर सकते हैं।

Advertisements
SHYAM JWELLERS

कुछ बूंद खून जांच कराने से होने से पहले रोका जा सकता है फाइलेरिया :

भीबीडीओ रवि नंदन सिंह ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित होने की पहचान संबंधित लोगों को पांच से दस साल बाद पता चलता है जब संबंधित व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया कीटाणु बहुत अधिक मात्रा में उपलब्ध हो जाता है। फिर ऐसे मरीजों को नियंत्रित रखने के लिए मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाती है लेकिन उन्हें पूरी तरह से सुरक्षित नहीं किया जा सकता। शरीर में शामिल माइक्रो फाइलेरिया कीटाणु रात में ही एक्टिव अवस्था में रहता है। इस समय जांच करवाने से उनके शरीर में शामिल माइक्रो फाइलेरिया की पहचान हो सकती है।

नाईट ब्लड सर्वे में जांच करवाने पर संबंधित व्यक्ति के शरीर में माइक्रो फाइलेरिया कीटाणु के उपलब्ध होने की जानकारी शुरुआत में ही हो जाती है जिसके बाद उन्हें तत्काल मेडिकल सहायता उपलब्ध कराते हुए फाइलेरिया से सुरक्षित किया जा सकता है। इसलिए जिले के सभी प्रखंडों के चिन्हित सेंटिनल और रेंडम क्षेत्रों में नाईट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए सभी प्रखंड के दोनों (सेंटिनल और रेंडम) साइट से कम से कम 300-300 लोगों के ब्लड सैंपल लिया जा रहा है। इसकी पहचान के लिए सभी सेंटिनल और रेंडम क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाग लेकर उनके शरीर में शामिल माइक्रो फाइलेरिया के उपस्थित होने की जानकारी लेना चाहिए। ऐसा करने से संबंधित व्यक्ति फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रहेंगे।

Даркнет Сайт Кракен Зеркало Ссылка

slot zeus colombia88 macau999