पंडित शशिकांत मिश्र तांत्रिक अपनी सिद्धि क्रिया भी करते हैं

पटनासिटी, (खौफ 24)  काली स्थान स्थित प्राचीन मां काली की मंदिर जो की करीब 350 वर्षो से भी अधिक पुरानी हैं। काली मंदिर शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र हैं। सुनहरे इतिहास वाले काली मंदिर में तांत्रिक अपनी सिद्धि क्रिया भी करते हैं। महाष्टमी और महानवमी को गोद भराई के लिए महिलाओं की भीड़ जुटती हैं। लोगों की माने तो मां काली पटना नगर की रक्षिका हैं। इस मंदिर में आदि शक्ति के रूप में काली मां हजारों वर्ष काले पत्थर की प्रतिमा है, ऐसे लोग श्मशान काली भी कहते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर को औघड़ों द्वारा शक्तिशाली मंत्रों से सिद्ध किया गया है। यही कारण हैं की यहां मां काली का वास है. कई भक्तों की मानें तो उन्होंने स्वयं इस मंदिर में शक्ति का अनुभव भी किया है।

पंडित शशिकांत मिश्र की माने तो मंदिर की विशेषता यह हैं की अन्य प्रतिमाओं के सामान मां काली की जीभ बाहर नहीं निकलती। बताया जाता हैं की सैकड़ों वर्ष पूर्व ये मंदिर गंगा और सोन नदी के संगम पर बसा था। निर्जन क्षेत्र होने के कारण मंदिर में जमावड़ा रहता था। नदी के दूर जाने से धीरे-धीरे मोहल्ले में आबादी बढ़ती गई। आज यह क्षेत्र काली स्थान के नाम से विख्यात हैं।

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