बच्चों को पिलाई जायेगी पोलियो की दवा

अररिया, रंजीत ठाकुर अररिया जिले में आगामी 17 से 21 नवंबर तक पल्स पोलियो अभियान संचालित होगा। अभियान के क्रम में 0 से 5 साल तक के शत प्रतिशत बच्चों को दो बूंद पोलियो की दवा पिलाई जायेगी। जिला स्वास्थ्य विभाग अभियान के सफलता संबंधी तैयारियों में जुट चुका है। गौरतलब है कि 2014 में ही हमारा देश पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है। पोलियो का अंतिम मामला वर्ष 2009 में जिले के जोकीहाट प्रखंड से सामने आया था। बावजूद इसके पोलियो संबंधित मामलों के प्रति विभाग पूरी तरह संवेदनशील है। दरअसल जब तक विश्व के किसी भी देश में पोलियो का मामला शेष रहता है। तो अपने देश में भी इसके प्रसार की संभावना बनी रहेगी। जबकि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान व अफगानिस्तान में अभी भी पोलियो का प्रसार जारी है। बीते तीन वर्षों में पाकिस्तान में 27 व अफगानिस्तान में पोलियो के कुल 12 मामले सामने आयें हैं। वहीं वर्ष 2024 में अब तक दोनों देशों में पोलियो के कुल 24 मरीज मिल चुके हैं। लिहाजा संक्रमण के संभावित खतरों देखते हुए अभियान के सफल संचालन पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

शत प्रतिशत बच्चों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोइज ने बताया कि पोलियो का खतरा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। दोबारा पोलियो का प्रसार न हो इसके लिए नियमित अंतराल पर पल्स पोलियो अभियान संचालित किया जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग अभी से अभियान के  सफलता की तयारियो में जुट गया है। शत प्रतिशत बच्चों को दवा सेवन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से टीकाकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित कर विभिन्न विभागों के बीच आपसी सहयोग व समन्वय स्थापित करते हुए अभियान की सफलता सुनिश्चित कराने की दिशा में जरूरी पहल किया जा रहा है। 17 से 21 नवंबर  तक संचालित अभियान के क्रम में टीकाकर्मी घर घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलायेंगे। मुख्य ट्रांजिट स्थल बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन,  प्रमुख चौक चौराहों पर टीका कर्मियो की प्रतिनियुक्ति की जायेगी। जो वहां से गुजर रहे बच्चों को दवा पिलायेंगे।

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स्थाई अपंगता का कारण बन सकता है पोलियो

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि बच्चों के स्वस्थ व सेहतमंद जिंदगी के लिए पोलियो की दवा का सेवन कराना जरूरी है।  पोलियो किसी बच्चे की स्थाई अपंगता का कारण बन सकता है। कुछ एक मामलों में ये बच्चे की मौत का कारण भी बन सकता है। दो बूंद पोलियो की दवा से बच्चों के जीवन को सुरक्षित किया जा सकता है। इसलिए अभिभावक अपने पांच साल तक के बच्चों को दी का सेवन जरूर कराएं। जो इस लाइलाज बीमारी से बचाव का एकमात्र जरिया है।

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