आचार्य किशोर कुणाल के निधन से अपूरणीय क्षति राकेश कपूर

पटना, (खौफ 24) बिहार पटना में आचार्य किशोर कुणाल के निधन की खबर से पटना सिटी के निवासी मर्माहत हैं। पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि 2006 में जब वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के प्रशासक सह अध्यक्ष नियुक्त हुए तो मेरा उनसे पटना सिटी की मंदिरों को लेकर संपर्क हुआ था और वह उनके कार्यकाल तक बना रहा।

श्री कुणाल के प्रयास से ही चौक, पटना सिटी स्थित सनातन धर्म सभा भवन अतिक्रमण मुक्त हुआ और उसकी चहारदीवारी का निर्माण व श्री ठाकुर गोपाल मंदिर, मिरचाई गली व श्री ठाकुर मदन मोहन गोपाल मंदिर, कचौड़ी गली, पीतल महादेव मंदिर,श्री गोपीनाथ मंदिर के न्यास का गठन हुआ व इसकी संपति सुरक्षित हुई।

श्री कपूर ने बताया कि आचार्य कुणाल ने धर्म शाला घाट स्थित चाणक्य गुफा का निरीक्षण कर आचार्य चाणक्य की लापता मूर्ति को लेकर धार्मिक न्यास पर्षद के तुलसियान सहगल से जांच-पड़ताल कराकर उनसे चौक थाना में केस दर्ज करवाया था। श्री कुणाल के कार्यकाल दौरान जब दीरा कालीस्थान स्थित कालीमंदिर से काल भैरव के साथ जया विजया की मूर्ति की चोरी हुई थी तो उन्होंने स्वयं स्थल पर पहुँच कर निरीक्षण भी किया था।

उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने श्री राम की मूर्ति को आचार्य चाणक्य की मूर्ति बताकर उसे जब्त कर चौक थाने के मालखाने जमा करवा दिया। कालान्तर में वह मूर्ति भी वहां से गायब हो गई । कालीमंदिर से गायब जया विजया की काले पत्थर की मूर्ति की जगह मालसलामी थाना में लाल पत्थर की जब्त मूर्ति को पुजारी की निशानदेही पर प्रशासन ने मंदिर में स्थापित करवा दिया जिसे पुजारी ने काले रंग से पेंट कर दिया।

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आचार्य कुणाल ने श्री शिव मंदिर, केशव राय गली, फुलौड़ी गंज की सुनवाई पूरी कर जब निर्णय लिखने हेतु सहायक अधीक्षक तुलसीदास गोस्वामी को फाईल सौपी थी। लेकिन वह कार्यालय से ही गायब हो गई या करवा दी गई थी।

श्री कुणाल और तुलसीदास दोनो सेवानिवृत्त हो गये थे। बाद में श्री शिव मंदिर, फुलौड़ी गंज की फाईल को पुराने कागजातों के आधार पर द्वितीय फाईल बनाकर पुन: सुनवाई समाप्त कर निर्णय हेतु धार्मिक न्यास पर्षद के बोर्ड में प्रतीक्षारत है। इसमें श्री कुणाल भी सदस्य थे।

श्री कपूर कहते हैं कि आचार्य किशोर कुणाल जब तक धार्मिक न्यास पर्षद में रहे उनकी पटना सिटी के मंदिरों के उत्थान के प्रति सदा रुचि बनी रही। वे समय-समय पर स्वयं स्थल का दौरा कर स्थानीय लोगों से जानकारी प्राप्त कर निर्णय लेते थे। उल्लेखनीय है कि मुझे पटना सिटी की ऐतिहासिक मंदिरों को लेकर दो साल तक क्षेत्र में उनके साथ घूमने का मौका मिलता रहा।

ईश्वर आचार्य किशोर कुणाल की आत्मा को सद्गति दे। साथ ही उनके परिजनों को इस दुःख की घड़ी में धैर्य प्रदान करें। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!

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