उत्पाद निरीक्षक विजय कुमार चौरसिया भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार

पटना/फुलवारीशरीफ,  अजीत : राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को विशेष अदालत ने कानूनी समर्थन दिया है। बिहारशरीफ के तत्कालीन उत्पाद निरीक्षक विजय कुमार चौरसिया को निगरानी विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप में दोषी ठहराया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश मो. रुस्तम की अदालत ने निगरानी विशेष वाद संख्या 83/2007 में सुनाया।

यह मामला निगरानी थाना कांड संख्या 122/2007 से जुड़ा है। निगरानी टीम ने 2 नवंबर 2007 को बिहारशरीफ के किराए के मकान में छापा मारकर चौरसिया को रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। वह पीड़ित राजीव रंजन से सरकारी शराब की दुकान निर्बाध रूप से चलाने के लिए 5,000 रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए थे।

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छापेमारी के बाद निगरानी टीम ने पटना स्थित आरोपी के तीन मंजिला मकान से 3 लाख 29 हजार 806 रुपये नकद और एक लाइसेंसी पिस्तौल बरामद की थी। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक विजय भानु उर्फ पुट्टू बाबू ने की। अभियोजन पक्ष ने अदालत में कुल 10 गवाहों की गवाही प्रस्तुत की। गवाहों की साक्ष्य और बरामद प्रमाणों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी माना। अदालत ने आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) सहपठित 13(1)(डी) और भा.दं.सं. की धारा 7 के तहत एक-एक वर्ष की सश्रम कारावास और 5,000-5,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में एक माह की अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतनी होगी।

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