नागरिकों को सुगम, विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण एवं सृदृढ़ स्वास्थ्य-सेवा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता : आयुक्त

पटना, (खौफ 24) सोमवार, दिनांक 23.06.2025ः आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना-सह-अध्यक्ष, रोगी कल्याण समिति, इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि नागरिकों को सुगम, विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण एवं सृदृढ़ स्वास्थ्य-सेवा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। वे आज इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान, पटना के सभाकक्ष में इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान की रोगी कल्याण समिति के शासी निकाय की बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। आयुक्त़ डॉ. सिंह ने कहा कि इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान राज्य में स्वास्थ्य विभाग के तहत विशेष कार्डियक केयर के लिए राज्य का पहला अस्पताल है।

यह सुपरस्पेशलिटि कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल यूनिक विशिष्ट सरकारी अस्पताल है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा रोगियों के हित में अच्छा कार्य किया जा रहा है। दस मंजिले भवन में संचालित इस विशिष्ट सरकारी अस्पताल में हृदय रोग से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए रोगियों को सस्ते दर पर सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। सुविधाओं की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए सभी को सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध होना पड़ेगा। आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि विकसित बिहार एवं आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय में सभी के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे प्रभावी, कुशल एवं जवाबदेह प्रणाली से ही हासिल किया जा सकता है। सभी स्टेकहोल्डर्स (हितधारक) इसके लिए प्रयत्नशील रहें।

आज के बैठक में आयुक्त डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान द्वारा मरीजों के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। रोगी कल्याण समिति द्वारा प्रस्तुत एजेंडा पर सदस्यों ने एक-एक कर चर्चा की। अस्पताल के प्रबंधन एवं संचालन पर विस्तृत विमर्श किया गया। मरीजों के हित में दवाओं एवं यंत्रों की उपलब्धता, ओपीडी तथा आईपीडी का संचालन, चिकित्सकों एवं कर्मियों की उपस्थिति, शौचालय, स्वच्छता सहित विभिन्न बिन्दुओं पर संस्थान के निदेशक-सह-सदस्य-सचिव, रोगी कल्याण समिति डॉ. सुनील कुमार द्वारा उपस्थापित प्रस्तावों पर समिति के सदस्यों ने चर्चा की।

संस्थान के निदेशक ने आयुक्त के संज्ञान में लाया कि रोगी के कल्याण हेतु सरकार के द्वारा उपलब्ध मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष, बाल हृदय योजना, प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना- आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा स्वास्थ्य कार्यक्रम योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों और रोगियों के लिए पेसमेकर/बीएमवी/सीएमवी/वॉल्व रिप्लेसमेन्ट/सीएबीजी और कई अन्य कार्डियक प्रक्रियाओं के लिए मुफ्त जाँच एवं इलाज की जाती है। शिशु हृदय चिकित्सा एवं शिशु हृदय शल्य चिकित्सा की सुविधाओं को उन्नत किया गया है।

निदेशक ने आयुक्त के समक्ष इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान के कार्यों एवं गतिविधियों पर दिनांक 01 जनवरी, 2025 से दिनांक 31 मई, 2025 तक पाँच माह का बिन्दुवार प्रतिवेदन रखा। इस अवधि में संस्थान में 46,141 रोगियों को ओपीडी तथा 6,692 रोगियों को आईपीडी की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। 2,31,951 पैथोलॉजी तथा 34,233 रोगियों को ईसीजी जाँच की सुविधा सुलभ करायी गई।

01 जनवरी, 2025 से दिनांक 31 मई, 2025 तक का बिन्दुवार प्रतिवेदन निम्नवत हैः-

  • आउटडोर रोगियों की संख्याः 46,141; इन्डोर रोगियों की संख्याः 6,692
  • जाँच की सुविधाः ईसीजी-34,233; ईसीएचओ-13,406; टीएमटी-2,338; पीएफटी-172; हॉल्टर-558; एक्स-रे-6,391; सिटी स्कैन/ एंजिओ-318; एंजियोग्राफी-2,144; पीटीसीए-404 पैथोलोजी-2,31,951; टीईई-10
  • वर्तमान वर्ष में किए गए शल्य चिकित्सा का विवरणः टीपीआई-1,032; परमानेन्ट पेसमेकर इम्प्लांटेशन (पीपीआई)-523 एवं ओेपेन हार्ट सर्जरी-54
  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी मरीजों की संख्या-826
  • मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या-27
  • राष्ट्रीय बाल हृदय योजना के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या-71
  • बाल हृदय योजना के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या-229
  • संस्थान में कार्यरत चिकित्सकों की संख्याः 69
  • दवाओं की उपलब्धताः बीएमएसआईसीएल द्वारा दवाओं की आपूर्ति की जाती है। आवश्यकतानुसार दवाएँ उपलब्ध हैं। अति आवश्यक दवाओं को संस्थान द्वारा भी क्रय कर मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है। संस्थान निदेशक द्वारा आयुक्त के संज्ञान में लाया गया कि संस्थान में भर्ती हृदय रोगियों के लिए अनेक आवश्यक दवाओं का नाम इसेंशियल ड्रग लिस्ट में शामिल करने की आवश्यकता है ताकि आवश्यक सभी दवाओं की समय से उपलब्धता सदैव सुनिश्चित रहे। आयुक्त द्वारा अधिकारियों को इस संबंध में बीएमएसआईसीएल से समन्वय कर कार्रवाई करने का निदेश दिया गया। आयुक्त ने उप महाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल को मानक गुणवत्ता के अनुसार आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
  • संस्थान में पेयजल की उपलब्धताः आउटडोर एवं सभी वार्ड में वाटर फिल्टर लगा है एवं क्रियाशील है।
  • शौचालय की उपलब्धताः नए भवन में वार्ड में शौचालय की व्यवस्था है। साथ ही नए भवन परिसर में सार्वजनिक शौचालय की भी व्यवस्था है।

समीक्षा के क्रम में समिति के सदस्यों ने कुछआवश्यकतायों एवं समस्याओं के बारे में बताया तथा अपने सुझाव भी दिए।

आयुक्त के संज्ञान में लाया गया कि संस्थान में हार्ट मरीजों के सर्जरी हेतु परफ्यूजनिस्ट को प्रतिनियुक्त करने की आवश्यकता है ताकि ओपेन हार्ट सर्जरी में किसी भी प्रकार की बाधा न आए। आयुक्त ने कहा कि परफ्यूज़निस्ट कार्डियोवैस्कुलर सर्जिकल टीम के महत्वपूर्ण सदस्य होते हैं। वे हृदय शल्य चिकित्सा के दौरान उपकरणों के संचालन और रख-रखाव के लिए जिम्मेदार होते है। साथ ही वे विभिन्न प्रकार की हृदय शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान टीम की तकनीकी सहायता करते हैं। आयुक्त डॉ. सिंह द्वारा निदेशक को परफ्यूजनिस्ट की नियुक्ति हेतु विभाग से समन्वय करने का निदेश दिया गया।

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आयुक्त के संज्ञान में आया कि संस्थान में बीएमएसआईसीएल द्वारा अधिष्ठापित स्टेरिलाइज़ेशन मशीन सीएसएसडी क्रियाशील नहीं है। इसके संचालन हेतु ऑपरेटर एवं उसमें लगने वाले रीएजेंट नहीं रहने के कारण मशीन का संचालन नहीं हो रहा है। मशीन का संचालन नहीं होने के कारण पुरानी विधि से ही यह कार्य किया जा रहा है। आयुक्त डॉ. सिंह द्वारा अधिकारियों को विभाग से समन्वय स्थापित कर इस मशीन को शीघ्र क्रियाशील करने का निदेश दिया गया।

बैठक में संस्थान के पुराने आउटडोर भवन को तोड़कर कैंपस के विकास एवं सौंदर्यीकरण पर चर्चा की गई। आयुक्त डॉ. सिंह द्वारा इस पुराने भवन को तोड़कर पुराने आउटडोर भवन को तोड़कर यहाँ पार्किंग, नए भवन से कनेक्टिविटी तथा भविष्य में ऊर्ध्व विस्तार के स्कोप से विधिवत कार्य करने का निदेश दिया गया।

आयुक्त डॉ. सिंह द्वारा ओपीडी का निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि इस उत्कृष्ट विशिष्ट सरकारी अस्पताल में ओपीडी में बड़ी संख्या में मरीज एवं उनके परिजन आते हैं। संस्थान द्वारा उपलब्ध कराए गए आँकड़ों के अनुसार प्रतिदिन लगभग 400 मरीज एवं इनके परिजन ओपीडी में आते है। आयुक्त डॉ. सिंह द्वारा मरीजों के लिए ओपीडी में बैठने पंखा, एसी इत्यादि की बेहतर सुविधा शीघ्र सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी प्रणाली की रीढ़ है, जो सभी नागरिकों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराती है। रोगियों की अधिकतम संतुष्टि सुनिश्चित करना एवं मरीज-केंद्रित सेवा सुलभ कराना सभी का दायित्व है। संस्थान द्वारा इसमें सराहनीय कार्य किया जा रहा है। आशा है आगे भी संस्थान इसे सुनिश्चित करेगी।

आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान हृदय रोगियों के लिए राज्य का अत्यंत महत्वपूर्ण सरकारी संस्थान है। उन्होंने संस्थान में कार्डियोलोजी शिक्षण, प्रशिक्षण एवं इलाज में सुविधाओं के विकास पर नियमित तौर पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने स्वीकृत पदांे के विरूद्ध पदस्थापन हेतु विभाग के निदेशानुसार विहित प्रक्रिया का अनुपालन करने का निदेश दिया। उन्होंने बीएमएसआइसीएल को कार्यों का त्वरित गति से निष्पादन करने का निदेश दिया।

आयुक्त डॉ. सिंह ने प्रबंधन तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि दक्ष चिकित्सकों, सक्षम पेशेवरों एवं समर्पित कर्मचारियों के द्वारा मरीजों के प्रति मित्रवत वातावरण का निर्माण किया जा सकता है एवं समाज के हर वर्ग को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि संस्थान इस दिशा में तत्परता के साथ कार्य कर रहा है।

इस बैठक में आयुक्त के साथ निदेशक, इंदिरा गााँधी हृदय रोग संस्थान डॉ. सुनील कुमार, सिविल सर्जन, पटना डॉ. अविनाश कुमार; संस्थान के संयुक्त निदेशक, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी, पटना प्रमंडल श्री विनय कुमार ठाकुर; उप महाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल; क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, स्वास्थ्य पटना प्रमंडल, पटना एवं रोगी कल्याण समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

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