घाघरा नदी के जल स्तर बढ़ने के बाद किसानों की उपजाऊ भूमि नदी में विलीन

बलिया, संजय कुमार तिवारी यूपी बारिश होने के बाद आम जन ने राहत की सांस ली। लेकिन बलिया की बात करें तो तीन तरफ से नदियों ने घेर बना रखा है। दक्षिण से गंगा नदी ,सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र यानी उत्तर तरफ से सरयू और पूरब में दोनों नदियां मिल जाती हैं। सरयू नदी ने अपना उग्र रूप धारण कर लिया है। जहां बाढ़ विभाग द्वारा कटान को रोकने का कार्य हो रहा है,जो नदी में किसानों की उपजाऊ जमीन समाहित हो रहा है। ढाई करोड़ की लागत से जियो बैग से कार्य हुआ था बाढ़ विभाग के द्वारा हुए कार्य घाघरा नदी में समा गया है वही नदी के बढ़ते बेग के नदी किसानों की उपजाऊ भूमि काटने लगी है वही बाढ़ विभाग के द्वारा हो रहे कार्य पर लोगों ने क्या कहा, आइये सुनाते हैं।

सिकंदरपुर तहसील अन्तर्गत खरीद गांव के पास सरयू नदी ने उग्र रूप धारण करना शुरू कर दिया है। जैसा कि देखा जा सकता है। यहां नदी का कटान तो हो ही रहा है।वही बाढ़ विभाग के द्वारा कार्य हुआ था जियो बैग की बोरी से लगाकर कटान से बचाव का प्रयास किया गया था, लेकिन बाढ़ विभाग किसानों की भूमि को बचाने में असफल साबित हुआ,तो बाढ़ विभाग के अधिकारियों ने झाड़ झंखाड़ डालना शुरू कर दिया, सरकार के द्वारा पानी में लगाया गया पैसा पानी में ही समा गया, सैकड़ों एकड़ भूमि किसानों की नदी में विलीन हो गई, अब लोगों को यह भय सता रहा है कि कई गांव भी नदी की जद में आ जाएंगे। सरकार से लोगों ने आग्रह किया कि ध्यान दिया जाय।आइए जरा सुनिए ग्रामीणों की जुबानी …अमरनाथ यादव ग्रामीण खरीद।मुन्ना ग्रामीण खरीद।

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