
नसबंदी कराने के बाद, लोगों को मिलेगी नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा
अररिया, रंजीत ठाकुर : जिले के सरकारी अस्पतालों में बंध्याकरण व पुरूष नसबंदी कराने वाले मरीजों को घर वापसी के लिये अपने पैसे खर्च नहीं करने होंगे। ऐसे मरीजों को घर वापस जाने के लिये 102 एंबुलेंस सेवा नि:शुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा इसे लेकर सभी सिविल सर्जन व जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यक्रम प्रबंधक को जरूरी दिशा निर्देश जारी किया गया है। गौरतलब है कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव के लिये आवास से स्वास्थ्य संस्थान आने व प्रसव के उपरांत स्वास्थ्य संस्थान से घर वापसी के साथ जटिल परिस्थितियों में एक संस्थान से दूसरे उच्चतर संस्थान तक जाने के लिये नि:शुल्क एंबुलेस सेवा उपलब्ध कराया जाता है। 01 साल तक के बीमार नवजात के मामले में भी घर से स्वास्थ्य संस्थान, इलाज के बाद घर वापसी व जटिल परिस्थितियों में एक संस्थान से दूसरे उच्चतर संस्थान तक जाने के लिये नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
विभागीय आदेश के अनुपालन की हो रही पहल
जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यक्रम प्रबंधक संतोष कुमार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिले के किसी भी सरकारी चिकित्सा संस्थान में बंध्याकरण व पुरूष नसबंदी कराने पर संबंधित मरीजों को घर वापस जाने के लिये 102 एंबुलेंस सेवा नि:शुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में विभागीय स्तर से जरूरी दिशा निर्देश प्राप्त हुआ है। इसे अक्षरश: अमल में लाने को लेकर जरूरी पहल शुरू कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि सरकार की इस नई पहले से जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम को मजबूती मिलेगी। आर्थिक रूप से कमजोर व गरीब तबका के लोगों को इससे बड़ी सहुलियत होगी।
परिवार नियोजन कार्यक्रम में बड़ेगी लोगों की सहभागिता
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि बंध्याकरण व पुरूष नसबंदी के बाद मरीजों के घर वापसी के लिये उन्हें नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा मुहैया कराना सरकार के जनकल्याणकारी सोच को दर्शाता है। सरकार की यह पहल जिले में संचालित परिवाार नियोजन कार्यक्रम में जन सहभागिता बढ़ाने के लिहाज से मददगार साबित होगा। सरकार की यह पहल परिवार नियोजन कार्यक्रम में लोगों की सहभागिता बढ़ाने में उपयोगी साबित होगा। इससे लोगों को बंध्याकरण व नसबंदी के उपरांत घर वापसी में किसी तरह की कोई असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को इसे लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी किया गया है। जिला स्तर पर इसकी मॉनेटरिंग को लेकर भी कारगर रणनीति बनाई जा रही है।