लंदन वाली गर्ल फ्रेंड के चक्कर में बुरा फंसा पटना यूनिवर्सिटी का कैशियर
पटना(खौफ 24): ऐसा ही एक मामला हुआ जो लोग लालच में फस गए जाने पूरी मामला आखिर हुआ क्या आप को बता दे की आजकल सभी लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे इंटरनेट प्लेटफार्म केवल अपनी तस्वीरें और वीडियो साझा करने के लिए नहीं, बल्कि नए दोस्त तलाशने के लिए खूब इस्तेमाल होते हैं।
यहां लोग ब्वाय फ्रेंड और गर्ल फ्रेंड की तलाश में भी आते हैं। लोगों की इसी चाहत का फायदा अपराधी उठाते हैं। पटना विश्वविद्यालय का एक कर्मचारी विदेशी लड़की से दोस्ती और मुलाकात के चक्कर में बुरा फंस गया।विदेशी लड़की की चक्कर में गंवाए 12 लाख रुपए विदेशी लड़की से दोस्ती के बाद मुलाकात करने की ख्वाहिश में पटना विश्वविद्यालय के रोकड़ शाखा के कैशियर ईश्वर दयाल ने करीब 12 लाख रुपये गंवा दिए। महिला साथी की मदद करने के लिए उन्होंने बैंक से करीब 11 लाख रुपये का लोन भी लिया। ठगी का अहसास होने पर ईश्वर दयाल ने पीरबहोर थाने में प्राथमिकी कराई।
थानाध्यक्ष सबीह उलहक ने बताया कि आवेदन मिला है। जांच की जा रही है। आरोपितों का पता लगाया जाएगा।लंदन की लड़की से दोस्ती का भ्रम टूटा बताया जाता है कि 17 सितंबर को शातिर ने ईश्वर दयाल के फेसबुक पर लंदन निवासी मर्सी गाडसेन के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा। इसके बाद दोनों के बीच बातें होने लगी। नवंबर में महिला ने मिलने की बात कही थी। इसके बाद उन्हें महिला ने फोन कर कहा कि मैं लंदन से भारत आई हूं, लेकिन कस्टम ने मुझे रोक लिया है। मेरे अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है।18 से अधिक बैंक खातों में भेजे गए रुपए,लड़की ने कहा कि वह ईश्वर दयाल को 75 हजार पाउंड देगी, मगर इससे पहले महिला को आर्थिक सहयोग करना होगा। महिला के झांसे में आकर ईश्वर दयाल विभिन्न खातों में रकम जमा करने लगे। महिला ने दो अन्य लोगों से भी फोन पर बात कराई थी। 18 से अधिक खातों में रकम भेजी गई थी।कई बार टांजैक्शन फी के नाम पर करते ठगी,ऐसे गिरोहों की लड़कियां फेसबुक मैसेंजर के जरिए संपर्क साधती हैं या सीधे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हैं। इसके बाद खुद को किसी मुसीबत में बताती हैं। खुद को खूब पैसे वाली बताती हैं और अपने शिकार के साथ शादी करने या मिलने का इरादा जाहिर करती हैं। इसी बहाने पैसे का लालच भी देती हैं। फिर पैसे ट्रांसफर करने के लिए कभी ट्रांजैक्शन चार्ज तो कभी और कोई बहाना बनाकर रुपए ऐंठ लेती हैं। ऐसी ठगी पिछले 10 सालों से हो रही है।बावजूद रसिक मिजाज लोग फंस ही जाते हैं।