
जिलाधिकारी द्वारा सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को निदेश दिया
पटना, (खौफ 24) समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम. द्वारा आज राजस्व मामलों में प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, अभियान बसेरा, भूमि नापी, भूमि विवाद निराकरण, आधार सीडिंग, अतिक्रमण उन्मूलन, सीमांकन, विशेष सर्वेक्षण, भू-अर्जन, भूमि उपलब्धता एवं हस्तानांतरण सहित विभिन्न मामलों में अंचलवार अद्यतन प्रगति का जायजा लिया।
- जिलाधिकारी ने कहा कि जिला में दाखिल-खारिज मामलों में ओवरऑल प्रगति काफी अच्छी है। पुराने बैकलॉग को लगभग खत्म करने के साथ नए प्राप्त आवेदनों का भी निष्पादन तीव्रगति से किया जा रहा है। दाखिल-खारिज के 98.45 प्रतिशत मामलों को निष्पादित कर दिया गया है। फिर भी 75 दिनों से अधिक लंबित मामले 664 है जो काफी अधिक है। टेम्प मामलों के भी 2,739 आवेदन लंबित है। जिलाधिकारी ने इस पर सख्त नाराजगी व्यक्त की तथा कहा कि यह अच्छी स्थिति नहीं है।
- समीक्षा में पाया गया कि पूरे जिला में दाखिल-खारिज के 75 दिनों से अधिक 664 मामले लंबित है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है। संबंधित भूमि सुधार उप समाहर्ता आरटीपीएस अधिनियम के तहत हर एक लापरवाह अंचल अधिकारी के विरूद्ध 75 दिनों से अधिक दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या के अनुसार प्रति मामले 5-5 हजार रुपये का अर्थदंड लगाएंगे। सम्पतचक में 167 मामले, नौबतपुर में 123 मामले, बिहटा में 114 मामले, दीदारगंज में 75 मामले तथा पाटलिपुत्र में 63 मामले 75 दिनों से अधिक समय से लंबित है। इसके बाद भी अगर लापरवाह अंचल अधिकारियों के कार्यों में संतोषजनक प्रदर्शन नहीं हुआ तो उनके निलंबन एवं विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ अंचल अधिकारियों यथा सम्पतचक, नौबतपुर, बिहटा, दीदारगंज एवं पाटलिपुत्र का प्रदर्शन लगातार खराब चल रहा है। उन्होंने अपर समाहर्ता को निदेश दिया कि पिछले छः माह में विभिन्न मानकों पर खराब प्रदर्शन करने वाले अंचल अधिकारियों की सूची उपस्थापित करें। ऐसे अंचल अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।
- पिछले माह की बैठक में दाखिल-खारिज के 75 दिनों से अधिक 694 मामले लंबित थे। जिलाधिकारी ने कहा कि पिछले माह की बैठक में भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को आरटीपीएस अधिनियम के तहत हर एक लापरवाह अंचल अधिकारी के विरूद्ध 75 दिनों से अधिक दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या के अनुसार प्रति मामले 5-5 हजार रुपये का अर्थदंड लगाने का निदेश दिया गया था परन्तु केवल भूमि सुधार उप समाहर्ता, मसौढ़ी द्वारा ही अर्थदंड लगाया गया। शेष अन्य किसी भी भूमि सुधार उप समाहर्ता ने अंचल अधिकारियों के विरूद्ध कोई दंड नहीं लगाया। केवल स्पष्टीकरण कर खानापूर्ति की गई। भूमि सुधार उप समाहर्ता, मसौढ़ी द्वारा भी केवल 55 हजार रुपया का ही दंड अंचल अधिकारियों के विरूद्ध लगाया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। जिलाधिकारी ने सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को हर एक लापरवाह अंचल अधिकारी के विरूद्ध 75 दिनों से अधिक दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या के अनुसार प्रति मामले 5-5 हजार रुपये का अर्थदंड लगाकर 2 दिनों के अंदर प्रतिवेदन देने का निदेश दिया। अन्यथा जिम्मेदारी निर्धारित कर कार्रवाई की जाएगी।
- जिलाधिकारी ने कहा कि पटना जिला में ही अथमलगोला, बाढ़, पालीगंज एवं पंडारक द्वारा काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। इन अंचलों में 75 दिन से अधिक दाखिल-खारिज के एक भी मामले लंबित नहीं है। यह प्रसन्नता का विषय है।
- जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता को निदेश दिया कि विभिन्न आवेदनों के निष्पादन में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 5 राजस्व कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराएं। इन राजस्व कर्मचारियों के विरूद्ध विधिवत निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
- जिलाधिकारी ने कहा कि जिन-जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के सबसे पुराने वाद अभी भी लंबित है ऐसे 10 सर्वाधिक पुराने वादों की जिला स्तर पर अपर समाहर्ता समीक्षा करें तथा एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट दें। इस मामले में शिथिलता बरतने वाले अंचल अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- जिलाधिकारी ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर समग्र सेवा अभियान के दरम्यान वास भूमि बंदोबस्ती हेतु 3,339 आवेदन प्राप्त हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को अभियान चलाकर भूमिहीन लोगों की विधिवत बंदोबस्ती करने का निदेश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि 16 जुलाई को 1,000 लाभुकों को अभियान बसेरा-2 के तहत पर्चा दिया गया था। अधिकारियों को 5 दिन के अंदर 2,000 आवेदनों को विधिवत निष्पादित करते हुए पर्चा वितरण हेतु सभी तैयारी सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।
- जिलाधिकारी ने सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत अंचलों के राजस्व कार्यों का अनुश्रवण करने का निदेश दिया। उन्होंने निदेश दिया कि सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता सबसे अधिक लंबित मामलों की संख्या वाले हल्का का निरीक्षण करें तथा प्रतिवेदन दें।
- जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व कार्यों में शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अंचल अधिकारी अपने-अपने राजस्व कर्मचारियों पर नियंत्रण रखें तथा कार्यों में अपेक्षित प्रगति लाएँ। लापरवाह कर्मचारियों के विरूद्ध रिपोर्ट करें ताकि ऐसे कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
- जिलाधिकारी द्वारा अंचल अधिकारियों को निदेश दिया गया है कि परिमार्जन प्लस की दोनों श्रेणियों में 120 दिन से अधिक अवधि से लंबित सभी मामलों को अविलंब निष्पादित करें। सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को भूमि विवाद निराकरण (बीएलडीआरए), म्यूटेशन अपील एवं अभियान बसेरा के मामलों में विशेष रूचि लेते हुए त्वरित निष्पादन करने का निदेश दिया गया है। उन्हें निदेश दिया गया है कि बीएलडीआरए कोर्ट में 90 दिनों से अधिक के लंबित मामलों को नियमानुसार शीघ्र निष्पादित करें। म्यूटेशन अपील के 30 दिनों से अधिक लंबित मामलों को विधिवत शीघ्र निष्पादित करने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी द्वारा सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को निदेश दिया गया कि दाखिल-खारिज के अपील मामलों एवं बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम (बीएलडीआरए) के तहत मामलों का समय-सीमा के अंदर विधिवत निष्पादन करें।
- जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को अपने अधीनस्थ कर्मियों पर प्रभावी नियंत्रण रखने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि राजस्व कर्मचारी के रिपोर्ट के बिना आरटीपीएस से प्रमाण-पत्र निर्गत नहीं किया जाएगा। सरकार के निदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।
- जिलाधिकारी ने अंचल अधिकारियों को दाखिल-खारिज, परिमार्जन आदि आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि बिना किसी कारण के आवेदन अस्वीकृत करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि जनता की संतुष्टि सर्वोपरि है। अधिकारीगण जनहित के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। जनता दरबार एवं लोक शिकायतों में राजस्व संबंधी गंभीर मामले नियमित तौर पर आने पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
- जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता को निदेश दिया कि राजस्व मामलों में प्रगति की अंचलवार प्रतिदिन समीक्षा करें।