संविधान की नौवीं सूची में शामिल होने के बाद होगा प्रभावी
रांची(खौफ 24): मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 14 सितंबर 2022 को मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वीकृत कार्मिक।प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण संशोधन विधेयक में सन्निहित प्रस्ताव में संशोधन को स्वीकृति दे दी है
इसके तहत राज्य की सरकारी नौकरियों में मेरिट कोटे से 23 प्रतिशत और आरक्षित कोटे से 77 प्रतिशत नियुक्तियां होंगी. संशोधन के अनुसार 2001 के मूल अधिनियम की धारा 4 के प्रावधान को विलोपित किया गया
ऐसा होगा आरक्षण बता दें कि झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अनुसूचित जातियों,अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ा वर्गों के लिए से जुड़े 2001 के मूल अधिनियम की धारा 4 (1) एवं 4(2) के प्रावधानों को विलोपित करते हुए उसे निम्न रूप से प्रतिस्थापित किया गया है
4 (1)) के अंतर्गत किसी स्थापना में सेवाओं और पदों की सभी नियुक्तियां जो सीधी भर्ती के द्वारा भरी जानी हों, निम्नलिखित रूप से विनियमित की जायेंगी. इसके अनुसार मेरिट कोटे से 23 प्रतिशत और आरक्षित कोटे से 77 प्रतिशत नियुक्तियां होंगी.
आरक्षित कोटे की 77 प्रतिशत में से आरक्षित उम्मीदवारों को विभिन्न कोटियों की रिक्तियां निम्न तरीके से भरी जायेंगी
इसमें अनुसूचित जाति को 12 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 28 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची 1) को 15 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित 2) को 12 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण होगा
संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित होने के उपरांत प्रभावी होगा
यह अधिनियम झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) अधिनियम- 2022 के नाम से जाना जायेगा. इसका विस्तार संपूर्ण झारखंड राज्य में होगा. यह अधिनियम भारत राज्य के संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित होने के उपरांत प्रभावी होगा