टीबी मुक्त भारत निर्माण के हर किसी का सहयोग व समर्थन जरूरी

अररिया, रंजीत ठाकुर। अररिया टीबी दुनिया के सबसे घातक संक्रामक बीमारियों में से एक है। टीबी की वजह से देश में हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। ये बीमारी किसी भी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है। नाखून व बाल को छोड़ कर टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। हाल के वर्षों में मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की की है। इस कारण टीबी का इलाज बेहद सहज व सुलभ हो चुका है।

बावजूद इसके जागरूकता की कमी के कारण टीबी मरीजों के जांच व इलाज में होने वाली देरी सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिये आज भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। वर्ष 2025 तक तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति टीबी के प्रति जन जागरूकता जरूरी है। इस उद्देश्य की प्राप्त के लिये विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में जिले में टीबी के प्रति जागरूकता का लेकर विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।इस वर्ष हां, हम टीबी को खत्म कर सकते हैं की थीम पर विश्व टीबी दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इसमें रोग की समय पर जांच व उपचार को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न गतिविधियों आयोजित किए जा रहे हैं।

टीबी भारत सहित दुनिया के अन्य देशों के लिये बड़ी चुनौती

सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि टीबी भारत सहित दुनिया भर के देशों के लिये स्वास्थ्य संबंधी एक बड़ी चुनौती है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। निर्धारित लक्ष्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। इसे लेकर योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के प्रयासों की सफलता के लिये समाज के हर वर्ग का सहयोग व समर्थन जरूरी है। तभी जाकर टीबी हारेगा, देश जीतेगा का हमारा संकल्प साकार हो पायेगा। इसके लिये जांच का दायरा बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही जांच व उपचार संबंधी सेवाओं को जन सुलभ बनाने की पहल की जा रही है।

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विभिन्न स्तरों पर होगा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

सीडीओ डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि विश्व टीबी टीबी दिवस के मौके पर स्वास्थ्य संस्थानों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर लोगों को टीबी उन्मूलन के प्रयासों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।आमजन को सरकार द्वारा टीबी रोगियों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं से अवगत कराया जा रहा है। ताकि कोई भी टीबी रोगी जांच, उपचार सहित अन्य सुविधाओं से वंचित न रहे। संभावित मरीजों को जांच व उपचार से संबंधित सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया जिले में निशुल्क उपलब्ध है।

टीबी उन्मूलन अभियान की मजबूती का प्रयास जारी

जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर प्रसाद ने बताया कि जिले में टीबी उन्मूलन के प्रयासों की मजबूती के लिये हर स्तर पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत सभी प्रखंड के दो-दो चिह्नित पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने की कवायद जिले में जारी है। वहीं टीबी मरीजों के लिये निक्षय मित्र व निक्षय पोषण योजना संचालित है। निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को उचित पोषाहार सेवन के लिये हर महीने 500 रुपये सरकार मुहैया कराती है। वहीं निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी उन्मूलन के प्रयासों में सामूहिक सहभागिता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। कोई भी निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीज को गोद लेकर उन्हें जरूरी पोषाहर, चिकित्कीय मदद सहित अन्य सुविधा मुहैया करा सकते हैं।

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