अस्पताल में प्रसव के बाद बच्चा बदलने का परिजनों ने लगाया आरोप

अररिया, रंजीत ठाकुर।  फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल के प्रसव गृह कक्ष से नवजात शिशु बदले जाने को लेकर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि नवजात शिशु के रूप में पुत्र पैदा हुआ था। जिसके बारे में न केवल अस्पताल से डिस्चार्ज कागज पर भी अंकित किया गया बल्कि प्रसव कार्य में लगी ऑन ड्यूटी जीएनएम प्रभारी पल्लवी कुमारी समेत मिलन कुमारी और आरती कुमारी ने खुशी के तौर पर एक हजार रूपये भी लिए थे।
परिजनों को नवजात शिशु के रूप में पुत्र के बदले पुत्री दिए जाने की जानकारी तब मिली, जब नवजात शिशु को लेकर परिजन कपड़े में लपेटकर घर लेकर चले गए थे। जहां पुत्र के बदले नवजात शिशु के रूप में पुत्री देखने पर आश्चर्य चकित हो गए फिर कुर्साकांटा से नवजात शिशु को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे और मामले को लेकर जमकर हंगामा किया।

हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने मानवीय भूल करार देते हुए डिस्चार्ज वाले पेपर में पुत्री के बदले पुत्र अंकित हो जाने की सफाई दी है। वहीं कुर्साकांटा पगडेरा नुनियारी वार्ड संख्या 13 के रहने वाले उमेश सिंह ने बताया कि 2018 में उनकी शादी हुई थी। पहले संतान के रूप में बेटी है। देर रात प्रसव पीड़ा से पत्नी किरण देवी के कराहने के बाद उनको लेकर आशा प्रतिमा देवी के साथ अहले सुबह कुर्साकांटा से फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे। जहाँ प्रसव गृह कक्ष में भर्ती किए जाने के थोड़ी देर में ही बेटा के जन्म लेने की ड्यूटी पर तैनात जीएनएम ने आशा प्रतिमा देवी को जानकारी दी।

Advertisements
SHYAM JWELLERS

खुशी के तौर पर एक हजार रूपये की मांग की गई।इसके बाद आशा द्वारा परिजनों को बेटा होने की जानकारी दी गई। उमेश सिंह ने बताया कि जब पांच सौ रूपये दिए गए तो जीएनएम ने लेने से इंकार कर जबरन दबाव बनाकर एक हजार रूपये की अवैध वसूली की। उन्होंने बताया कि बीसीजी का टीका लगाने के बाद कपड़े में लपेटकर डिस्चार्ज स्लिप के साथ नवजात को दे दिया गया। डिस्चार्ज स्लिप में भी नवजात के लिंग के रूप में पुत्र होने को दर्शाया गया। नवजात शिशु और उसकी मां को लेकर जब परिजन घर पहुंचे तो कपड़ा हटाकर देखने पर बेटा के बदले बेटी पाया। जिसको लेकर परिजनों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। तब जाकर डायल 112 को सूचना दी गई और फिर मौके पर डायल 112 के पुलिस अधिकारी ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर मामले की जानकारी ली।

हालांकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से मानवीय भूल करार देने के बावजूद परिजन पुत्र के जन्म लेने की बात पर अडिग हैं। मामले को लेकर प्रसव गृह प्रभारी जीएनएम पल्लवी कुमारी ने पैसे लेकर प्रसूता और नवजात को डिस्चार्ज करने के लगाए गए आरोप को सिरे से खारिज किया। उन्होंने बताया कि शनिवार को दस बजे एक ही समय में दो मरीज को डिस्चार्ज किया गया। जिसमें एक रामपुर की पूजा सिंह और दूसरी कुर्साकांटा की किरण देवी थीं। वहीं इस मामले पर अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डा.के. एन.सिंह ने भी मानवीय भूल के तहत डिस्चार्ज स्लिप में गलती होने की बात कही। वहीं डिलीवरी के बाद पैसे वसूली मामले को लेकर जांच करने की बात कही है।

Даркнет Сайт Кракен Зеркало Ссылка

slot zeus colombia88 macau999