रेवती हाल्ट को स्टेशन का दर्जा नहीं मिला तो 1947 और 1942 में उसको जनता कायम करने के लिए तैयार है

यूपी, संजय कुमार तिवारी बलिया से है जहां बलिया के रेवती में स्टेशन बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा रेलवे स्टेशन को हाल्ट बनाए जाने से नाराज ग्रामीणों ने आमरण अनशन पर कई दिनों से बैठे हुए है।इनकी मांग है कि रेवती रेलवे हाल्ट से रेवती स्टेशन का पूर्ण दर्जा दिया जाय।वही आमरण अनशन पर बैठे लक्ष्मण पाण्डेय ने बताया कि यह रेलवे स्टेशन अंग्रेजो के जमाने से है हमारी मांग यह है कि पुराने स्टेशन को हाल्ट में बदल दिया।और हाल्ट में ऐसा बदल दिया कि मौत का कुंआ इन्होंने खोद दी।मौत का कुंआ ऐसा खोदा की एक व्यापारी संतोष केशरी जो बनारस जा रहा था संतोष केशरी ट्रेन की चपेट में आ गया और उसकी दोनो पैर कट गए।जो अपने परिवार के लिए दो पैसा कमा कर बचाया था जो इलाज के दौरान चला गया आज उसका बच्चा भूखा मर रहा है।

आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही है डेरा डालो घेरा डालो के तहत हम चलते रहेंगे अगर जरूरत पड़ी,अगर सरकार पार्लियामेंट में नही सोचा और संसद चलने वाला है मैं संसद का इंतजार कर रहा हूं। संसद के अंदर हमारी आवाज नही उठी तो हम जनता ऐसी आवाज उठाएंगे कि जो 1947 में 1942 में जो बागी बलिया का इतिहास रहा है यह जनता कायम करने के लिए तैयार है और एक एक बच्चा पागल हुआ है और नेता के जब आवाज आई तब केवनो खेला होई वह खेला खेलल जाई।अगर स्टेशन ठहराव नही हुआ और स्टेशन बहाली नही हुई तो रेल लाइन रेवती से नहीं चलेगी।अगर जान की कुर्बानी देनी पड़ेगी तो जान की कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं।

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