
साध्वी अमरा भारती ने सिख इतिहास को बताया
फाजिल्का, (खौफ 24) दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा फाजिल्का आश्रम में साप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी अमरा भारती जी ने बताया कि सिख इतिहास के स्वर्णिम पन्ने शहादत की घटनाओं से भरे पड़े हैं। अत्याचार के विरुद्ध गुरुओं द्वारा शुरू किए गए धर्मयुद्ध की कहानी अनंत है और अनंत काल तक याद रखी जाएगी। मनुष्य को अत्याचार और गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए समर्पित, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परोपकारिता दुनिया में कहीं भी अद्वितीय है।
राजा दरवेश दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी, चार साहिबजादों, पूज्य माता गुजरी और अन्य सिंहों ने मानवाधिकारों की रक्षा के लिए शहादत देकर जो अनूठा इतिहास रचा, वह आज भी विश्व संदर्भ में नये परिप्रेक्ष्य के साथ प्रचलित है तथा व्याख्या का कार्य करता है। गुरुजी सहित उनके चार साहिबजादों की शहादत तथा 40 सिंहों का बलिदान स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। यह महान शहादत धर्म की रक्षा के लिए दी गई। इस शहादत को हम कभी नहीं भूल सकते और दुनिया में इसके जैसी कोई मिसाल नहीं है। आज चार साहिबजादों की शहादत हमारे बच्चों के धर्म के प्रति दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। अंत में साध्वी गरिमा भारती जी के द्वारा भजनों का गायन किया गया।