नौकरी की आस में दो साल से लगा रहा उपायुक्त कार्यालय के चक्कर
धनबाद(खौफ 24): कतरास मालकेरा निवासी दिव्यांग पैरा एथलेटिक्स खिलाड़ी अजय पासवान आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. इसके अलावा वह राज्य सरकार और जिला प्रशासन की उपेक्षा झेल रहा है. अजय ने नेशनल खेल में गोल्ड सहित कई मेडल जीतकर जिला और राज्य का नाम रोशन कर चुका है. परंतु आर्थिक तंगी उसे आगे बढ़ने से रोक रही है. हालत यह है कि घर में खाने के भी लाले पड़े हैं.दिव्यांग पेंशन के रूप में मिलते है एक हजार रुपये वह अपनी लड़खड़ाती जुबान से कहता है कि दो साल से उपायुक्त कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. मगर सिर्फ आश्वासन मिलता है. अब मेडल बेच कर गुजर-बसर की नौबत आ गई है.
उसे मात्र एक हजार रुपया दिव्यांग पेंशन मिलती है. वह कहता है कि नौकरी के लिए उपायुक्त कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना देंगे.नौकरी की खोज में बहन भी दे रही साथ नौकरी की खोज में बहन सुनीता कुमारी भी साथ देती है. वह भी अजय के साथ दो साल से उपायुक्त कार्यालय का चक्कर लगा रही है. दो साल में लगभग 20 बार कतरास से धनबाद उपायुक्त कार्यालय तक आना-जाना हो चुका है. उपायुक्त सहित कई अधिकारियों से मिल चुकी है. हर बार आश्वासन मिलता है. कहती है आने जाने में 100 रुपये खर्च हो जाते हैं. यह खर्च जुटाने में भी असमर्थ हैं. पिता टीबी के मरीज हैं. भाई पर आस थी. मगर सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है. अब मेडल बेचकर खाना पड़ेगा. नियोजन की मांग के लिए उपायुक्त कार्यालय में धरना भी देंगे.