सरकार के ढुलमूल रवैये की भेंट चढ़ा,33 माह के बदले पांच साल बीत गए – उमेश गोस्वामी
धनबाद निरसा(बी के सिंह ): बहु प्रतीक्षित निरसा-गोविंदपुर जलापूर्ति योजना जंहा अधिकारियों के लूट खसोट का चारागाह बना वंही करवाई के प्रति राज्य सरकार की उदासीनता कोढ़ में खाज साबित हुई । उक्त आरोप राष्ट्रवादी कोंग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव उमेश गोस्वामी ने लगाया है ।
श्री गोस्वामी ने एक साक्षात्कार में सिटी लाइव को बताया कि उक्त योजना का काम 33 माह में पूरा कर लिया जाना था पांच साल बीत गए योजना का काम मात्र 25 % ही हो पाया । इस अवधि में पेयजल स्वक्षता विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रघुनन्दन शर्मा , तत्कालीन कार्यपालक अभियंता हरेंद्र मिश्र ने योजना के संवेदक इजराइल की टहल कम्पनी ने जमकर लुटा । काफी लिखापढ़ी के बाद जांचोपरांत टहल कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया मगर भ्रष्टाचार में लिप्त विभाग के उक्त दोषी अधिकारियों पर सरकार ने अबतक करवाई नही की।
श्री गोस्वामी ने आगे बताया कि कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड करने के बाद विभाग के द्वारा गठित 22 समितियों की टीम ने राइजिंग पाइप की जांच की जिसमे लगभग 50 किलोमीटर पाइप का गमन पाया गया ।मेरे द्वारा पूर्व में कई बार विभाग के प्रधान महासचिव सचिव माननीय मुख्यमंत्री अधीक्षण अभियंता अभियंता प्रमुख एवं लोकायुक्त को पत्राचार किया गया , वर्ष 2021 मैं लोकायुक्त के द्वारा ईसकी सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की गई थी लेकिन अचानक कोरोना फैल जाने के कारण लोकायुक्त कार्यालय से मुझे दूरभाष पर सूचित किया गया था कि कोरोना के महामारी के कारण सुनवाई बाद में किया जाएगा लेकिन आज तक न किसी प्रकार का सुनवाई हुई और न करवाई हुई । जिसके कारण कंपनी एवं विभाग के अधिकारियों का मनोबल बढ़ गया और लगभग 50 किलोमीटर पाइप को गबन कर दिया गया ।
श्री गोस्वामी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र प्रेषित कर उक्त योजना में पाइप लाइन घोटाले में संलिप्त अधिकारियों एवं कंपनी पर गबन का मामला दर्ज कर करवाई की मांग किया है।अन्यथा महामहिम राज्यपाल महोदय के समक्ष धरना प्रदर्शन एवं न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने को बाध्य होंगे ।
उक्त आशय की छाया प्रति लोकायुक्त झारखंड सरकार, प्रधान सचिव पेयजल एवं स्वक्षता विभाग झारखंड सरकार,मुख्य सचिव,महाधिवक्ता झारखंड हाई कोर्ट रांची एवं उपायुक्त धनबाद को प्रेषित किया है ।