छात्र-छात्राओं ने कहा चारदीवारी नहीं होने से असामाजिक लोग करते हैं परेशान

अररिया(रंजीत ठाकुर): जिला के नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत इंडो नेपाल सीमा के समीप बसमतिया बाजार स्थित मध्य विद्यालय सह उत्क्रमित उच्च विद्यालय के जमीन पर अतिक्रमणकारियों का अवैध कब्जा। जमीन अवैध अतिक्रमण को लेकर विद्यालय प्रशासन के द्वारा कई बार अंचल पदाधिकारी नरपतगंज, अनुमंडल पदाधिकारी फारबिसगंज तथा जिला पदाधिकारी अररिया को लिखित आवेदन देकर अतिक्रमण मुक्त कराने का मांग किया गया। परंतु किसी पदाधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। यहां तक की ग्रामीणों ने छात्र-छात्राओं की समस्या को देखते हुए पदाधिकारी को आवेदन देकर अतिक्रमण मुक्त कराने का गुहार लगाया तथा सुरक्षा के दृष्टिकोण से चाहरदिवारी निर्माण का भी आग्रह किया था। परंतु अतिक्रमणकारियों का सांठगांठ इतना मजबूत है कि पदाधिकारी कुछ भी करने से कई बार सोचते हैं।

क्या कहते हैं छात्र-छात्राओं-इस बाबत विद्यालय में पढ़ रहे छात्र छात्राओं ने बताया कि चहारदीवारी नहीं होने से असामाजिक तत्वों के द्वारा हम छात्रों को परेशान किया जाता है। यहां तक की विद्यालय ग्राउंड में कभी शीशे का टुकड़ा आदि फेंक कर हम लोगों को काफी परेशान करता रहता है। कमरा में अनाप शनाप लिखकर हम लोगों को अपमानित भी करता रहता है। इसलिए सरकार और विभाग से हम लोग मीडिया के माध्यम से कहना चाहते हैं कि जल्द से जल्द विद्यालय परिसर में चारदीवारी का निर्माण किया जाए। ताकि हम लोग सुरक्षित पढ़ लिख सके।क्या कहते हैं शिक्षा समिति के सचिव- राजकुमार गोस्वामी,इस बाबत शिक्षा समिति के सचिव श्री गोस्वामी ने बताया कि विद्यालय का निर्माण लगभग 70 वर्ष पूर्व हुआ था, विद्यालय में कुल जमीन लगभग 4 एकड़ 18 डिसमिल है, जिस पर भवन बना हुआ है। कुछ भाग में अतिक्रमणकारियों के द्वारा जमीन को जबरदस्ती कब्जा कर लिया गया है। कब्जा को लेकर प्रधानाध्यापक के द्वारा कई बार अंचल पदाधिकारी नरपतगंज को लिखित आवेदन दिया गया है।

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क्या कहते हैं शिक्षक- उमाशंकर भारती:-

विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक ने बताया कि चारदीवारी नहीं होने से विद्यालय में उच्य क्लास के छात्राओं को पढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां तक की असामाजिक तत्वों के कारण छात्राओं की उपस्थिति भी कम रहती है। सरकार और विभाग को चाहिए कि विद्यालय की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए चारदीवारी का निर्माण करावे।बताते चलें कि सरकार जहां शिक्षा स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने में लगी हुई है, वहीं असामाजिक तत्वों के द्वारा शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाली विद्यालय के भूमि को भी अतिक्रमण कर छात्र छात्राओं को परेशान करते हैं।तो वहीं प्रशासन व विभागीय पदाधिकारी मुक दर्शक बने हुए देख रहे हैं। दबे जुबान स्थानीय लोग बताते हैं कि प्रशासन व विभागीय पदाधिकारी अतिक्रमणकारियों के प्रभाव में है,जिस कारण विद्यालय की भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जाता है। जिससे विद्यालय में पढ़ रहे छात्र छात्राओं सहित शिक्षिकाओं को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

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