विद्यालय के बच्चे नहीं हैं सुरक्षित सुशासन बाबू के राज में विद्यालय की खुलती पोल

सुपौल(बलराम कुमार): जिला के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय मुख्यालय अंतर्गत प्रखंड क्षेत्र के कोरियापट्टी पूर्वी पंचायत बिशुनियाँ स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की जमीनी पोल खुलने की है।शिक्षिका ने बताया की हमलोगों को विद्यालय में बहुत सारे परेशानियाँ झेलनी पड़ती है।विद्यालय में शिक्षकों की कमी है।भवनों की कमी है।शौचालय की कमी है।चार दिवारी की कमी है।साफ सफ़ाई की कमी है।


ऑफिस नहीं है।गंदगी का अंबार लगी है जिससे हरवक्त बदबू देते रहता है।भवन की स्थिति भी जर्जर हालत में है।खतरे की घंटी बजती रहती है।शिक्षिकाएं बच्चे दोनों पर खतरा मंडराते रहते हैं।ये हम नहीं कह रहे हैं।सुशासन बाबू की शिक्षिकाएं बोल रही हैं।एक तरफ सरकार शिक्षा के नाम पर करोड़ों अरबों रुपए खर्च करने का दावा करती है।लेकिन धरातल पर तो विद्यालय की हकीकत कुछ और हीं बयाँ करती है।एक तरफ सुशासन बाबू कहते हैं की महिलाओं को -50-प्रतिशत आरक्षण दिए गए हैं।महिला बहुत खुश हैं।

Advertisements
SHYAM JWELLERS


तो वहीं महिलाओं के प्रति विधि व्यवस्था की हालत ऐसी है की महिला खुद हीं सुशासन बाबू की पोल खोल रही है।महिलाएं कितना खुश हैं कितना नाराज हैं।सभी कुछ बयाँ कर रही है।अब देखना लाजमी होगा की सुशासन बाबू की सरकार में बिहार के सरकारी विद्यालय की स्थिति कब तक सुधरती है।या फिर ऐसे हीं विद्यालय की विधि व्यवस्था चलती रहेगी।ये कोई एक विद्यालय की बात नहीं है।ऐसे बिहार में सैकड़ों विद्यालय हैं जिसकी हालत बद से बदतर हालत में चल रही है।सरकार की ऐसी नीति है की शिक्षक चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते हैं।नाहीं कुछ बोल पाते हैं।क्योंकि शिक्षक जानते हमलोग कुतों की भोंकते रहेंगें फिर भी कुछ नहीं हो पाएगा।भगवान भरोसे विद्यालय चलते रहते हैं।

Даркнет Сайт Кракен Зеркало Ссылка

slot zeus colombia88 macau999