दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का किया शुभारंभ

अररिया, रंजीत ठाकुर  अररिया व्यवहार न्यायालय में शनिवार को वर्ष 2024 का दूसरा लोक अदालत का उद्घाटन जिला जज, प्रिसिंपल जज, जिला पदाधिकारी पुलिस अधीक्षक, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट व शेशन जज के अलावे आये पक्षकार महिलाओं के द्वारा सामूहिक दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। मौके पर सभी न्यायिक पदाधिकारी, एडीएम, एसपी सहित जिला बार एसोसिएशन व जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष महासचिव सहित दर्जनों अधिवक्ता व विभिन्न बैंकों के पदाधिकारीगण उपस्थित रहें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट जज ने राष्ट्रीय लोक अदालत में आए पदाधिकारी व कर्मियों सहित पक्षकारों का भव्य स्वागत किया। साथ ही उन्होंने लोक अदालत में आए पक्षकारों को लोक अदालत के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी, उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से एक सरल सुलह समझौते से मामलों का निपटारा करती हैं।

छोटा मामला भी बड़े मामले को जन्म दे सकता है। उसको जड़ से खत्म कर देना चाहिए , साथ ही उन्होंने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में मुख्य रूप से दण्डनीय मामले एनआई एक्ट, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के मामले जिसमें दुर्घटना सूचना रिपोर्ट तथा राज्य परिवहन व अन्य मामले भी शामिल है।

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बताया कि वैवाहिक वाद, परिवार न्यायालय के मामले, श्रम विवाद से संबंधित मामले जिसमें नीति के अनुसार बिना पारिश्रमिक के पुनः नियोजन के मामले जिसमें औद्योगिक श्रमिकों के मजदूरी तथा लाभों के मामले, भूमि अधिग्रहण मामलों व औद्योगिक बोर्ड ओएनजीसी रेलवे से संबंधित भूमि अधिग्रहण से संबंधित वाद तथा उनसे संबंधित निष्पादन वाद, दीवानी न्यायालय से संबंधित वाद, किरायेदारी बैंक वसूली, इज़मेन्ट राइट वाद से संबंधित वर्ण वसूली ट्रिब्यूनल के वाद,राजस्व वाद, मनरेगा, विद्युत, पानी व बिजली बिल से संबंधित वाद व विधुत चोरी, सेल्स टैक्स व इनकम टैक्स, इनडाइरेक्ट टैक्स रेवेन्यू से संबंधित व अन्य कमर्शियल से संबंधित टैक्स, सर्विस मैटर से संबंधित वाद, वन अधिनियम से संबंधित मामले, केंटोनमेंट बोर्ड से संबंधित मामले,रेलवे क्लेम से संबंधित मामले, आपदा क्षतिपूर्ति से संबंधित मामले, अपील दांडिक सिविल एवं प्रक्रीन वाद मूल्य वाद याचिकाएं मोटर दुर्घटना दावा अपील व दो लाख से कम अमाउंट वाले 138 एनआईएक्ट के मुकदमे तथा अन्य सभी आच्छादित मामले जो आपसी सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित कराया जाएंगे।

मौके पर विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमरेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस संबंध में यदि कोई पक्षकार अपना मामला राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह करना चाहते हैं तो वह संबंधित न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर वाद निस्तारित करा सकते हैं।

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