पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधनअंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया गया, पीएम ने जताया शोक

अयोध्या, (खौफ 24) राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य पुजारी आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का शनिवार सुबह निधन हो गया. परिवार के सदस्यों ने बताया कि 86 वर्षीय दीक्षित वृद्धावस्था के चलते उनका निधन हुआ है. उनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया गया. वाराणसी के चौक इलाके के मंगलागोरी गली में स्थित अपने आवास पर सुबह लगभग 7:00 बजे पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने ली अंतिम सांस. दरअसल, 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में अयोध्या मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. वाराणसी के वरिष्ठ विद्वानों में गिने जाने वाले दीक्षित महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के मूल निवासी थे, लेकिन उनका परिवार कई पीढ़ियों से वाराणसी में रह रहा है.पंडित लक्ष्मीकांत के बेटे सुनील दीक्षित ने बताया कि रोज की तरह पिताजी बीती रात पूरी तरह से सामान्य रूप से सोए. फिर उसके बाद सुबह जैसे ही बाथरूम जाने के लिए आगे बड़े कि वह बेहोश हो गए और फिर उनकी सांस रुक गई. इसके पहले किसी भी तरह की गंभीर बीमारी नहीं थी. सिर्फ वृद्धावस्था के चलते उनकी मौत हुई है.

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत कई नेताओं ने शोक जताया है।

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