तीन अंधे भाई और बहन, योगी सरकार में भी झोपड़ी में रहने को हुए मजबूर

यूपी, (संजय कुमार तिवारी) योगी सरकार जनता को सरकारी आवास देने का दावा करती है कि प्रदेश में सभी गरीब को सरकारी आवास दिया जा रहा है लेकिन बलिया में एक दिव्यांग परिवार आज भी सरकारी आवास के लिए तरस रहे है।योगी सरकार के अधिकारियों का कार्यालयों तक चक्कर काट रहे है लेकिन सरकारी आवास नही मिल रहा है। ऐसा ही मामला बलिया के सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के जमुई गांव से है जहां सरकारी आवास के लिए दर दर ठोकर खा रहे है।जमुई में एक ऐसा परिवार है जहां एक ही परिवार में तीन लोग अंधे ( दिव्यांग ) है।

यह एक भाई और दो बहन अंधे है।मां और बाप अपनी मेहनत और मजदूरी कर अपने तीनो अंधे ( दिव्यांग ) बच्चों की परवरिस कर रहे है।इन तीनो भाई बहनों को सरकार के द्वारा एक पेंशन दिया जा रहा है।उसके बाद सरकारी कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है।एक झोपड़ी रहकर यह दिव्यांग परिवार किसी तरह जीवन यापन कर रहे है।लेकिन अभी तक कोई सरकारी आवास नही मिला है यह दिव्यांग परिवार झोपड़ी में रह कर किसी तरह जीवन यापन कर रहा है हालांकि एसडीएम से लेकर जिलाधिकारी तक गुहार लगाई है लेकिन अभी तक कोई सुविध नही मिली।कोटेदार भी अंतोदय कार्ड पर राशन कम देता है।

Advertisements
HOLY VISION SCHOOL

यह अंधा व्यक्ति ( दिव्यांग ) चत्रुभूज तुरहा है जो सरकारी आवास के लिए एसडीएम से लेकर जिलाधिकारी तक गुहार लगा चुका है।लेकिन अभितक कोई सुनवाई तक नही हुई।संपूर्ण समाधान दिवस पर भी पीड़ित चत्रुभुज पहुंचा था और जिलाधिकारी से अपनी पीड़ा बताई और जिलाधिकारी ने ब्लॉक अधिकारियों को निर्देशित भी किया और अधिकारी मौके पर गए भी थे।लेकिन पीड़ित ने यह आरोप लगाया की बीडीओ और सचिव के सामने ही ग्राम प्रधान धमका रहे थे। वही कोटेदार के द्वारा हमलोगो को अंतोदय कार्ड पर 35 किलो राशन मिलना चाहिए लेकिन कोटेदार 34 किलो ही राशन देता है लेकिन जब हमलोग घर आकर वजन करते है तो 30 से 32 किलो ही वजन होता है।जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान से किया गया तो ग्राम प्रधान मौके पर भी गए थे और कांटा को चेक किए पर सही मिला। लेकिन बाद में घर वजन करने पर भी कम वजन होता है।

Advertisements
SHYAM JWELLERS

वही एक विवाहिता बहन भी है जिसका नाम प्रतिमा है जो पूरी तरह से अंधी है और उसकी शादी नगवा गांव में हुई थी।लेकिन दो साल बाद उसका पति अंधे ( दिव्यांग) होने की वजह से उसे छोड़ दिया।वह महिला अपने मैके रहकर जीवन काट रही है।वही उसका एक बच्चा भी भी है। वही दूसरी बहन भी है जो वह भी आंख से दिव्यांग है। घर का चौका वर्तन अंदाजे पर पर करती है।

वही मां ने बताया की ये बचपन से ही अंधे है वह अपना क्रिया क्रम करते है हम ही खिलाते पिलाते है इनलोगो मेहनत मजदूर कर किसी तरह से पाल पोस रहे है। हमारे लिए तो बहुत दिक्कत है बेटे ने शिकायत अधिकारियों तक किया है लेकिन लोग परेशान कर रहे है।कोई सरकारी आवास नही मिला है हमलोग झोपड़ी में रहते है।60 वर्ष की हो गई हूं फिर भी मजदूरी करती तीनो के लिए।

वही ग्राम प्रधान इम्तियाज अहमद ग्राम प्रधान ने बताया की जब हम प्रधान बने तो इन लोगो का विकलांग पेंशन करा दिए।इनके माता पिता का भी पेंशन करा दिया गया है आवास के लिए इन लोगो का रजिस्ट्रेशन हो गया है जब आवास आएगा तो सबसे पहले इनलोगो का दिया जायेगा।मौके पर हम लोग गए थे इनकी समस्या देखे भी थे और बीडीओ ने कहा की जब आवास ब्लॉक में आएगा तो सबसे पहले बिकलांगो को आवास दिया जायेगा।हम भी उन लोगो को हम मदद करते है।हम लोग सुने है की कोटेदार राशन कम देते है हम मौके पर जाते है तो इस तरह की कोई बात नही होती है काम मिलना ये तो अधिकारी और कोटेदार की बीच का संबंध है एमए हमलोग क्या कर सकते है।

()

Даркнет Сайт Кракен Зеркало Ссылка

slot zeus colombia88 macau999